BlogHide Resteemsdearzindagi (44)in steemit • 6 months agoमिट्टी का मटका और परिवार.....मिट्टी का मटका और परिवार की क़ीमत ! सिर्फ बनाने वाले को ही पता होती है, तोड़ने वाले को नहीं.dearzindagi (44)in motivation • 2 years agoIf your loved oneIf your loved one is a source of agitation, strife, excitement and distraction in your life, then it is not love at all.dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoजिसको तुम कहते हो, ....जिसको तुम कहते हो, मेरी भावना, मेरा प्रेम, मेरा क्रोध, मेरी दया, जो भी तुम्हारे विचार, तुम्हारे जज़्बात हैं! वो सब-के-सबdearzindagi (44)in motivation • 2 years agoAusterity is not about ...Austerity is not about eating less or consuming less, it is about having a mind that thinks less, and even without thinking it is at peace with itself.dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoजिस देश का, जिस मिट्टी का ....जिस देश का, जिस मिट्टी का सबसे बड़ा और सबसे मान्य धर्मग्रंथ ही कहता हो कि अर्जुन तू तो लड़ और ये सोच मत कि अंजाम क्या होगा। अंजाम के लिए नहीं सच के लिए लड़ अर्जुन, कृष्ण के लिए लड़ अर्जुन।…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoजीवन की कुछ कीमत है।....जीवन की कुछ कीमत है। वह इतना सस्ता नहीं है कि जल्दी से उसको लाकर कहीं भी अर्पित कर दिया। अपना मूल्य समझो और अपनेआप को देख, समझकर, आश्वस्त होकर ही कहीं पर स्थापित करो। बुद्धि का भरपूर प्रयोग…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoएक घटिया....एक घटिया आदमी नहीं कमा रहा है, उसे माफ़ किया जा सकता है; पर एक सही आदमी के पास अगर संसाधन नहीं है, ताकत नहीं है, प्रसिद्धि नहीं है, तो मैं कह रहा हूँ कि वो अपने ही उद्देश्य के सामने अपराधी हो…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoउदास होते हो .....उदास होते हो तो दूसरों की वजह से, उत्तेजित होते हो तो दूसरों की वजह से, ऊबते हो तो दूसरों की वजह से, आकांक्षा है तो दूसरों की, और डर है तो दूसरों से, सब कुछ तो दूसरों का ही है। तुम्हारा…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoनज़र साफ़ होने लगी हो, ...नज़र साफ़ होने लगी हो, बेहतर दिखाई देने लगा हो, तो जान लो कि रोशनी की तरफ बढ़ रहे हो। जो बातें पहले उलझी-उलझी थीं, अगर वो अब सरल और सुलझी हुई हो गई हैं, तो जान लो कि रोशनी की तरफ़ बढ़ रहे हो।…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoदो ही चीजें माँगता है शरीर -...दो ही चीजें माँगता है शरीर - अपने लिए भोजन-आराम, और प्रजनन, ताकि जब देह न रहे, तब भी देह बनी रहे। इन दो चीज़ों के अलावा देह कुछ नहीं माँगती। अब बताओ, देह बनकर जीना है?dearzindagi (44)in hive-172186 • 2 years agoObservation is not meant to comfort you.Observation is not meant to comfort you. Observation is not meant to keep you nicely settled in your sofa. Observation will shake you up and that is why people don't want to observe. Observation…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoतुम्हें बहुत दुःख हो, ....तुम्हें बहुत दुःख हो, उससे हटने का एक ही तरीका है - उचित कर्म में उतर जाओ। तुम्हारे सामने पहाड़ जैसी चुनौतियाँ, समस्याएँ, दुःख खड़े हों, तुम उचित कर्म करने लग जाओ। भले ही वो उचित कर्म उस…dearzindagi (44)in hive-168362 • 2 years agoएक बार निगाहें कर ली ....एक बार निगाहें कर ली आसमान की ओर, और ललक उठ गई किसी तारे की, उसके बाद ज़मीन में खिंची हुई लकीरें, ज़मीन में उठी हुई दीवारें, मिट्टी में बंधे हुए ढर्रे फिर किसको याद रहते हैं? वो अपने आप छूट…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoआज़ादी सबसे बड़ी प्रेरणा है, ....आज़ादी सबसे बड़ी प्रेरणा है, और वो अंतर्निहित है, वो बैठी हुई है। एक बार तुम जान गए कि गुलाम हो, फिर आज़ादी की ओर खुद भागोगे!dearzindagi (44)in hive-168362 • 2 years agoदिल में एक सही उद्देश्य ......दिल में एक सही उद्देश्य होना चाहिए उसके बाद किसी पॉज़िटिव थिंकिंग की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoवो तुम्हें हराकर नहीं जीतते,..वो तुम्हें हराकर नहीं जीतते, वो तुम्हारा हौसला तोड़ कर जीतते हैं। हार हो जाए कोई बात नहीं, हौसला नहीं टूटना चाहिए। मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।dearzindagi (44)in hive-168362 • 2 years agoसीधे रहो, सरल रहो। ...सीधे रहो, सरल रहो। खुद से झूठ मत बोलो। न किसी की ज़िन्दगी पर चढो, न किसी को अपने ऊपर चढ़ने का मौका दो। बस ये ही है ज़िन्दगी का सार।dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoप्रेम का धर्म है...प्रेम का धर्म है खुद आज़ाद रहना और दूसरे को आज़ादी देना। खुद शांत रहनi और दूसरे को शांति देना।dearzindagi (44)in hive-168362 • 2 years agoअपनी कमाई को अगर ...अपनी कमाई को अगर एक शब्द में वर्णित करना हो तो कह देना 'दुःख'। और यदि कभी दुःख से ऊबो, दुःख से छटपटाओ तो अपने दुःख की वजह किसी और को मत ठहरा देना। जानना कि तुमने कमाया है। तुम जो कमाओ, सो…dearzindagi (44)in hive-159906 • 2 years agoजीवन को साफ-साफ देखकर..,जीवन को साफ-साफ देखकर जब तुम समझने लगते हो कि कौन-सा काम तुम्हारी सच्चाई से निकल रहा है, और कौन-सा काम तुम्हारी कमज़ोरी से, या तुम्हारे डर से, या तुम्हारे लालच से निकल रहा है, तो उससे एक आग…