BlogHide Resteemspriyasinghd (51)in poem • 3 years ago'प्रेम अबोध बालक की भांति होना चाहिए, जो माँ के अलावा ना किसी..........'प्रेम अबोध बालक की भांति होना चाहिए, जो माँ के अलावा ना किसी को जानता ना किसी को पहचानता।priyasinghd (51)in sayri • 3 years ago'ईक तरफ दिख रही उदासी एक तरफ ख़ुद्दारी है, कोई अपना .............'ईक तरफ दिख रही उदासी एक तरफ ख़ुद्दारी है, कोई अपना नही जहां में सबमें बसी गद्दारी है।priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'लफ़्जों के मायने समझिए, लब से फ़िसलकर रुह.........'लफ़्जों के मायने समझिए, लब से फ़िसलकर रुह तक जाते हैं|priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'आज फिर उस ठौर अकेला था खड़ा आज फिर से तुम्हारी .............'आज फिर उस ठौर अकेला था खड़ा आज फिर से तुम्हारी याद आ गई|priyasinghd (51)in sayri • 3 years ago'घर से ये सोच के निकला हूँ कि कुछ कर जाना है अब कोई राह ...........'घर से ये सोच के निकला हूँ कि कुछ कर जाना है अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना हैpriyasinghd (51)in love • 3 years ago'बदलते वक़्त की नज़ाकत देखी है एक माँ के आंखों में ही .........'बदलते वक़्त की नज़ाकत देखी है एक माँ के आंखों में ही हिफ़ाज़त देखी हैpriyasinghd (51)in sayri • 3 years ago'अगर समझ सको तो मोहब्बत हूं मैं, अगर नहीं तो नफ़रत का ..........'अगर समझ सको तो मोहब्बत हूं मैं, अगर नहीं तो नफ़रत का ਮੀ हक नहींpriyasinghd (51)in poem • 3 years ago'संघर्ष के इस जीवन पथ में तुम हाथ थामकर............'संघर्ष के इस जीवन पथ में तुम हाथ थामकर मेरी संगिनी बनना प्रणय को परिणय में बदलकर तुम मेरा भविष्य मेरी अर्धागिनी बननाpriyasinghd (51)in poem • 3 years ago'उदासियों के कांधे पर सिर रख के सबसे अधिक उमंगें...........'उदासियों के कांधे पर सिर रख के सबसे अधिक उमंगें रोई होंगी|priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'ये मंज़र लौट के फिर ना कभी आएगा बहते दरिया की ...........'ये मंज़र लौट के फिर ना कभी आएगा बहते दरिया की तह ये वक्त गुज़र जाएगा|priyasinghd (51)in sayri • 3 years ago'दीवानों से पता कर लो तो तुमको भी पता होगा वो कल मंजिल बनेगा आज .........'दीवानों से पता कर लो तो तुमको भी पता होगा वो कल मंजिल बनेगा आज जो खुद लापता होगा।priyasinghd (51)in poem • 3 years agoअकेले चलना होगा साथ काफ़िला न होगा विश्वास ख़ुद पर रखो गौरों...........अकेले चलना होगा साथ काफ़िला न होगा विश्वास ख़ुद पर रखो गौरों से फिर गिला न होगा।priyasinghd (51)in indian • 3 years agoमोहब्बत की लकीरों में नहीं शामिल मेरा नाम वतन की आबरू........मोहब्बत की लकीरों में नहीं शामिल मेरा नाम वतन की आबरू पे मर मिटेंगे है यही पैगाम।priyasinghd (51)in poem • 3 years agoहज़ारों दर्द के बाद एक आलिंगन समेट लेता है बेबसी आँसू बेरहमी और ............हज़ारों दर्द के बाद एक आलिंगन समेट लेता है बेबसी आँसू बेरहमी और हमारे अधूरेपन को भी|priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'दोस्त मुद्दतों बाद मिले.... सबको कुछ ना कुछ कहना था... मगर सुनता .........'दोस्त मुद्दतों बाद मिले.... सबको कुछ ना कुछ कहना था... मगर सुनता कौन किसकी.. सबकी अपनी कहानी थी|priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'वादों की झूठी दुनिया से बेहतर, एजदूजे का हाथ थाम कर .............'वादों की झूठी दुनिया से बेहतर, एजदूजे का हाथ थाम कर आगे बढ़ जाओ।priyasinghd (51)in poem • 3 years agoउस मेंहदी का तो दिन बन गया होगा, जिसने ...............उस मेंहदी का तो दिन बन गया होगा, जिसने तेरे हाथ चूमे होगे। वो हल्दी कितनी खुशनसीब होगी, जो तेरे बदन से लिपट गई होगी|।priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'अंधेरों से पूछो अहमियत रोशनी की उजाले क्या बताएंगे लौ की,,,,,,,,,,,'अंधेरों से पूछो अहमियत रोशनी की उजाले क्या बताएंगे लौ की कीमत क्या है..!priyasinghd (51)in poem • 3 years ago'बेचारी वो स्त्रियां जिनका जीवन केवल.. ............'बेचारी वो स्त्रियां जिनका जीवन केवल.. पुरुष की हार जीत पर आधारित है.. वो ईश्वर से अपने इस हाल पर क्या जवाब पाएंगी..priyasinghd (51)in sayri • 3 years agoआ ...जमाने आजमाले रूठता नहीं फासलों से हौसला ........आ ...जमाने आजमाले रूठता नहीं फासलों से हौसला ये टूटता नहीं।