BlogHide Resteemsrekhepal (45)in gyaan • 3 years agoतू मेरे मेरे मिथिला की मिथलेश और मैं तेरा अयोध्या का राम हूं मर्यादा के बंधनों में ............तू मेरे मेरे मिथिला की मिथलेश और मैं तेरा अयोध्या का राम हूं मर्यादा के बंधनों में जकड़ा मैं सीता राम ।।जय श्री राम।'."rekhepal (45)in gyaan • 3 years agoहे! जनकनन्दनी कोई तुम सी नारी नाहै... भला कौन महल छोड़ स्वामी संग वनगईहैं................हे! जनकनन्दनी कोई तुम सी नारी नाहै... भला कौन महल छोड़ स्वामी संग वनगईहैं... पवित्रता की परिभाषा हो तुम फिर भी तुमने अग्निपरीक्षा का दंड सहा भला कौन तुम-सी प्रीत निभाया हैं !! Il जय श्री राम।।'."rekhepal (45)in gyaan • 3 years agoराम बिन कोई काम नहीं हर काम में ही राम राम बिन संसार नहीं..........राम बिन कोई काम नहीं हर काम में ही राम राम बिन संसार नहीं सर्व संसार तो राम ।।जय श्री राम।।'."rekhepal (45)in gyaan • 3 years agoअयोध्या भी सजा दी है काशी भी सजा दी है.. घनश्याम कृपा कर दो, मथुरा भी ............अयोध्या भी सजा दी है काशी भी सजा दी है.. घनश्याम कृपा कर दो, मथुरा भी सजायेंगे..!! ।।जय श्री राम।।'."rekhepal (45)in gyaan • 3 years agoशब्दों को शबरी के बेर जैसा चखकर चख परोसिए.. जो आपको कड़वी लगे ...........शब्दों को शबरी के बेर जैसा चखकर चख परोसिए.. जो आपको कड़वी लगे उसे हटा कर जो मीठी सी हो बस उसे ही अगले व्यक्ति को बोलिए ।।जय श्री राम'.rekhepal (45)in nuskhe • 3 years agoट्यूमर में राहत सफेद प्याज में सल्फर कंपाउंड और फ्लेवोनॉयड एंटी..............ट्यूमर में राहत सफेद प्याज में सल्फर कंपाउंड और फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, इनमें कैंसर (Cancer) से लड़ने की क्षमता होती है, साथ ही सफेद प्याज के सेवन से ट्यूमर का खतरा…rekhepal (45)in poem • 3 years ago'शब्दों की इस मंडी से। कुछ ऐसे शब्द निकालो तुम! जो कभी कलम के ............'शब्दों की इस मंडी से। कुछ ऐसे शब्द निकालो तुम! जो कभी कलम के हुए ना हों| ऐसा कुछ लिखडालो तुमrekhepal (45)in sayri • 3 years agoमौसम फिर से बरसने को घिर आये है! दहशत मे आज फिर ...........मौसम फिर से बरसने को घिर आये है! दहशत मे आज फिर किसी मिट्टी का घर है!!'."rekhepal (45)in sayri • 3 years ago'जिनको खुद रास्ते नहीं पता वो मंजिल तक का सफर बता जाते है..............'जिनको खुद रास्ते नहीं पता वो मंजिल तक का सफर बता जाते है... अपनी मोहब्बत को अपने दिल में रखा करो दोस्तो अक्सर लोग नजर लगा जाते है...rekhepal (45)in poem • 3 years agoलतीफ़े सुने थे सारे, तेरा जवाब बढ़िया था.. उम्र के इस ............लतीफ़े सुने थे सारे, तेरा जवाब बढ़िया था.. उम्र के इस पड़ाव में ये मज़ाक बढ़िया था.. सोचा धन-दौलत-मोह-माया सब छोड़ दे.. घर आया तब तक, ये ख्याल बढ़िया था..rekhepal (45)in feelings • 3 years agoएक तरफा प्यार हो चाहे दोस्ती दोनों ही बहुत ............एक तरफा प्यार हो चाहे दोस्ती दोनों ही बहुत तकलीफ़ देते हैrekhepal (45)in poem • 3 years agoख्वाहिशें सौ पालो मगर एहसान कभी किसी का ना लो यारो, अदा करने की .............ख्वाहिशें सौ पालो मगर एहसान कभी किसी का ना लो यारो, अदा करने की खातिर रोज घुट-घुट जीना पड़ता है|'."rekhepal (45)in sayri • 3 years agoतूम क्या जानो किस तकलीफ में हूं मैं मेरे दर्द का आलम ........तूम क्या जानो किस तकलीफ में हूं मैं मेरे दर्द का आलम कोई रात की उस तनहाई से पुछे जो तेरी याद आने पर मेरे दर्द में हमदर्द बनती हैrekhepal (45)in sayri • 3 years agoइश्क के सपनो का, वो हर मੀठा लम्हा गुजर गया, तेरा........इश्क के सपनो का, वो हर मੀठा लम्हा गुजर गया, तेरा प्यार झूठा था, वादे करके मुकर गया..rekhepal (45)in poem • 3 years ago'जिनको खुद रास्ते नहीं पता वो मंजिल तक का सफर बता जाते है... ...............'जिनको खुद रास्ते नहीं पता वो मंजिल तक का सफर बता जाते है... अपनी मोहब्बत को अपने दिल में रखा करो दोस्तो अक्सर लोग नजर लगा जाते है..rekhepal (45)in sayri • 3 years ago'ये काला रंग भी न यारो, कमाल का रंग है जिसपे भी चढ़ता है, खूबसूरती.........'ये काला रंग भी न यारो, कमाल का रंग है जिसपे भी चढ़ता है, खूबसूरती निखर आतीहै|rekhepal (45)in thought • 3 years ago"बनाकर ताजमहल, एक दौलतमंद आशिक ने, हम गरीबों की ............"बनाकर ताजमहल, एक दौलतमंद आशिक ने, हम गरीबों की मोहब्बत का, मजाक बना डाला.rekhepal (45)in thought • 3 years ago'कर्म खैर इंसान तो इंसान को माफ भी करदेंगे, पर कर्मो का क्या?? सुना है वहा.............'कर्म खैर इंसान तो इंसान को माफ भी करदेंगे, पर कर्मो का क्या?? सुना है वहा बड़ी पहचान काम नहीं आती!!'."rekhepal (45)in thought • 3 years ago'सुनो में इश्क़ के रंग बिखेरने आया हूँ, और तुम चेहरे बदलने ..............'सुनो में इश्क़ के रंग बिखेरने आया हूँ, और तुम चेहरे बदलने की कोशिश मेंहोrekhepal (45)in love • 3 years agoइकीकत में उन से बहुत दूरियां है लेकिन ख्ाबों में रोज..........इकीकत में उन से बहुत दूरियां है लेकिन ख्ाबों में रोज नजदीकियां है