BlogHide Resteemsveganizer (64)in hive-159906 • 4 years agosteemCreated with Sketch.चमड़े-रेशम के जानलेवा फैशन का टशन - 1 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 22]“एक लाश को कन्धा देने पर या श्मशान भूमि के दर्शन मात्र पर अपवित्र हुए हमारे तन को तुरंत स्नान करवाना आवश्यक हो जाता है। लेकिन यह एक विचित्र विडंबना है कि स्नान के बाद उसी तन को हम मृत प्राणियों की…veganizer (64)in hive-159906 • 4 years agosteemCreated with Sketch.मीठे शहद का कड़वा पहलू: मधुकोष से उपजता महा-अकाल -2 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 21]उदाहरणार्थ केलिफोर्निया में लग रही बादाम की खेती को लें। यहाँ 8,10,000 एकड़ में 9,07,20,000 बादाम के पेड़ हैं। प्रत्येक पेड़ से 7,000 बादाम मिलती है। इसके लिए 25.40 खरब फूलों का परागन करना होता है। अतः…veganizer (64)in hive-159906 • 4 years agosteemCreated with Sketch.मीठे शहद का कड़वा पहलू: मधुकोष से उपजता महा-अकाल -1 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 21]जो जीव जितना सूक्ष्म होता है, वो उतने ही बड़े और महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी भूमिका निभाता है। अक्सर नेपथ्य में किये कार्य, मंच के समक्ष बैठे दर्शकों की समझ के दायरे से बाहर होते हैं।veganizer (64)in hive-159906 • 4 years agosteemCreated with Sketch.कत्लखानों पर प्रतिबन्ध – एक बचकानी नादानी [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 20]यदि आपको रोज-रोज लजीज और स्वादिष्ट व्यंजन खाने को विवश किया जाय परन्तु शौच निवृत्त करने की कोई व्यवस्था न दी जाय तो आपकी क्या दशा होगी? कुछ ऐसी ही दशा होगी हमारी धरा की, जब सभी कत्लखाने बंद कर दिए…veganizer (64)in hive-159906 • 4 years agosteemCreated with Sketch.खून और शोषण का असली कारण: प्रजातिवाद - 3 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 19]जीवों को भगवान ने हमारे खाने के लिए ही बनाया है! इस तरह की बेहूदा बात करने वालों के पास कोई तर्क नहीं होता। बस वह अपना पक्ष मजबूत करने के लिए इस तरह के मनगढ़ंत सिद्धांत रचते रहते हैं। हमारा इस…veganizer (64)in hive-159906 • 4 years agosteemCreated with Sketch.खून और शोषण का असली कारण: प्रजातिवाद - 2 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 19]“मेरी धार्मिक मान्यता इससे भिन्न है!” अच्छी बात है। वैसे कोई भी धार्मिक मान्यता बेवजह हिंसा की इजाजत नहीं देती। लेकिन यहाँ हम किसी धर्म-विशेष की बात नहीं कर रहे। चाहे आप किसी भी धर्म के अनुयायी…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.खून और शोषण का असली कारण: प्रजातिवाद [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 19]मानव की स्वार्थ, संकीर्ण और स्व-केन्द्रित बुद्धि ने जीवन के सभी अधिकार अपनी प्रजाति तक सीमित कर दिए हैं। चाहे वह जीवन का अधिकार हो, जीवन की स्वतंत्रता का अधिकार हो, समानता का अधिकार हो, प्राकृतिक…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.पर्यावरण के विध्वंस से उजड़ती ये दुनिया -4 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 18]गाय के पाद से हो रही ये दुनिया बर्बाद! आज गायों के पादने से विसर्जित गैस, एटम बम्ब से भी अधिक विनाशकारी सिद्ध हो रही है। मवेशियों को पालने के फलस्वरूप बड़ी मात्रा में मिथेन गैस उत्पन्न होती है। यह…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.पर्यावरण के विध्वंस से उजड़ती ये दुनिया -3 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 18]निरवद्याहार • निरवद्याहार करने वाला एक व्यक्ति प्रतिदिन साढ़े तीन हज़ार लिटर पानी बचाता है, 21 किलोग्राम अनाज, तीस वर्ग फीट वन-आच्छादित भूमि और 9 किलो कार्बन-डाईऑक्साईड के समकक्ष प्रदूषण को बचाता…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.पर्यावरण के विध्वंस से उजड़ती ये दुनिया -2 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 18]आइए, पहले पशुओं का “उत्पादन” करने वाले कारखानों के हमारे पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में कुछ तथ्यों को देखें: • कई प्रजातियों का विलुप्त होना, जल प्रदूषण, मृत-महासागर-क्षेत्रों का…veganizer (64)in hive-145742 • 5 years agosteemCreated with Sketch.पर्यावरण के विध्वंस से उजड़ती ये दुनिया -1 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 18]भाग-4 खून-खराबे का महासमर -आखिर क्या है इसके कारण और परिणाम? प्रविष्टि – 18 पर्यावरण के विध्वंस से उजड़ती ये दुनिया “पृथ्वी के पास मानव की आवश्यकताओं के लिए समुचित संसाधन हैं, लेकिन उसके लोभ और…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.मेरे एक ग्लास दूध के खातिर [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 17]मेरे एक ग्लास दूध के खातिर, बहती खून की नदियाँ फिर-फिर। मेरा कलेजा बड़ा सुकून पाता, पर तिल-तिल कर मरती गौमाता। उसका होता ता-उम्र बलात्कार, प्रसव-पीड़ा की वेदना हर-साल। संतान-विरह की चीत्कार…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.दूध की रहस्यमय बत्तीसी [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 16]दूध की रहस्यमय बत्तीसी (वे गोपनीय पहलू जो कोई चिकित्सक आपको नहीं बताता) “समस्त आबादी और बर्बादी की जनक है, मानव की ज्ञान-शून्यता।”veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.दूध – एक धीमा जहर -2 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 15]दूध के न पचने से आंतो में सड़ता विष-रूपी भोजन दुनिया में अधिकतर वयस्क लोग लेक्टोज़-इंटोलरेंट (लेक्टोज़ के प्रति असहिष्णु अथवा संवेदनशील) होते हैं। ये लोग दूध को ठीक से पचाने में अक्षम होते हैं।…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch. दूध – एक धीमा जहर [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 15]वैसे तो कोई मुफ्त में भी जहर नहीं पीना चाहता। लेकिन यह एक विडंबना ही है कि हम अपने भोजन पर होने वाले खर्च का एक-तिहाई से आधा हिस्सा तक दूध और उससे बने उत्पादों पर खर्च करते हैं!veganizer (64)in hindi • 5 years agosteemCreated with Sketch.दूध को मिला अमृत का दर्ज़ा! -2 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, प्रविष्टि – 14]माँ के दूध में है अमृत्व का गुण कुदरत ने हर प्रजाति का दूध उस विशिष्ट प्रजाति के बच्चे के लिए ही डिज़ाइन किया है, ताकि उसका बच्चा बड़ा हो कर उस प्रजाति-विशेष का एक विशिष्ट प्राणी बन सके। गाय के…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.दूध को मिला अमृत का दर्ज़ा! [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, भाग – 3, प्रविष्टि – 14]“आदमी ही एक ऐसा जानवर है जो अपनी शैशवावस्था से लेकर मरते दम तक दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करता है। परंतु इतना अमृत गटकने के बाद भी वह कभी अमर नहीं हो पाया!”veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.गाय का मशीनीकरण और उसकी ‘उत्पादकता’[खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, भाग – 3, प्रविष्टि – 13]“दुधारू गाय की लात भी भली, - यह उक्ति स्पष्ट इंगित करती है कि जब तक गाय दूध देगी, हम उसकी लात भी खा लेंगे। लेकिन जैसे ही वह दूध देना बंद करेगी, हम उसे सिर्फ लात ही नहीं मारेंगे, बल्कि छुरा भोंककर और…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.खून से छलकता है दूध का ग्लास [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, भाग – 3, प्रविष्टि – 12]भाग-3 श्वेत-क्रांति से निकला नीला-विष खून से छलकता है दूध का ग्लास “दूध एक सफेद रंग का खून है, जिसे माँस-उद्योग धोखे से शाकाहारियों को पिला रहा है।” क्या आप भी दूध को शाकाहार समझने की भूल करते…veganizer (64)in hive-159906 • 5 years agosteemCreated with Sketch.माँसाहार से भी घिनौना शाकाहार -3 [खून की गंगा में तिरती मेरी किश्ती, भाग – 2, प्रविष्टि – 11]शक्तिशाली सांडों का अनसुना पहलू शोषण के दायरे से कोई भी अछूता नहीं है। गाय का पूरा परिवार ही इससे टूट कर बिखर जाता है। चूँकि अब मवेशियों के प्रजनन पर मनुष्य का पूर्ण नियंत्रण है। अतः बिना उसके…