हाथों की कम उंगलियां किसी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती हैं. और क्रिकेट की बात करें, तो बल्लेबाजी, गेंदबाजी या फिर फील्डिंग में उंगलियों का दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है. लेकिन क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा भी गेंदबाज आया, जिसके एक हाथ की दो उंगलियां जन्म से ही नहीं थीं. जी हां! बात हो रही है 1980 के दशक के पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अजीम हफीज की. हफीज आज (29 जुलाई) 54 साल के हो गए.
दाएं हाथ में 2 उंगलियां कम रहने के बावजूद अजीम हफीज ने पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला और अपने शानदार खेल से खुद को साबित किया. बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 78 विकेट ( 18 टेस्ट- 63 विकेट, 15 वनडे- 15 विकेट) चटकाए.
बात उन दिनों की है, जब दिग्गज इमरान खान पैर में चोट की वजह से अनफिट थे. ऐसे में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बेहद कम अनुभव रखने वाले अजीम हफीज को तेज गेंदबाजी के लिए बुलाया गया. हफीज ने सितंबर 1983 में भारत के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में पदार्पण किया. तीन टेस्ट मैचों की उस सीरीज में हफीज को 10 विकेट मिले थे.
इसी के बाद हफीज ने ऑस्ट्रेलिया दौरे में मैराथन स्पेल्स फेंके और कुल 19 विकेट निकाले. एडिलेड और पर्थ टेस्ट में उन्होंने पहली बार पारी में 5-5 विकेट लिये. अक्टूबर 1984 में घरेलू सीरीज के लाहौर टेस्ट की बेजान पिच पर हफीज ने भारत की पहली पारी में 46 रन देकर 6 विकेट झटके. इसके बाद हफीज ने 1984-85 में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार छह टेस्ट मैच खेले और 22 विकेट अपने नाम किए. और यहीं उनके टेस्ट करियर की समाप्ति भी हो गई!
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