पटना वर्तमान में भारत के राज्य बिहार की राजधानी है पर क्या आप जानते है Patna ka purna naam क्या है? राजा पत्रक को पटना का जनक माना जाता है।कहा जाता है कि इन्होंने अपनी रानी पाटलि के लिए जादू से इस नगर का निर्माण किया था इसी रानी के नाम पर इसका नाम पाटली ग्राम रखा गया बाद में इस राज्य का नाम बदलकर पाटलिपुत्र रखा गया ।
माना जाता है कि पुटराका राजा ने इस शहर को अपनी पत्नी पटाली के लिये जादू से तब बनाया था, जब रानी ने पुत्र को जन्म दिया था। इसी से इसका नाम पटाली + पुत्र = पाटलीपुत्र पड़ा। मना जाता है कि 'पाटली' एक पेड़ की प्रजाति है, जो सिर्फ पटना में पायी जाती है। उसी पर इसका नाम पड़ा।
पटना (संस्कृत: पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है।पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है।
पटना, जो कि बिहार की राजधानी है, उसका नाम आते ही ज़ेहन में गंदी सड़कें, बेकार राजनीति और सार्वजनिक वाहनों में ठसे हुए लोगों की छवि, दिमाग में उभरने लगती है। पूरे भारत में बिहार की छवि को बेहद बेढंगे तरीके से पेश किया गया है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आर्यभट्ट हों या पणिनी, चाणक्य हों या कालीदास, सभी लोग पटना से ही थे, जिन्हे भारतीय इतिहास में ज्ञान के क्षेत्र में धुंरधर माना जाता है।
आइए अब जानते हैं पटना के बारे में कुछ और जानकारियां:-
विदेशों तक पहुंचा लिट्टी-चोखा का स्वाद पटना, बिहार के कुछ स्ट्रीट फूड स्टॉल के लिट्टी-चाेखा का स्वाद, विदेशों तक फैल गया है। विदेशी पर्यटकों को ये काफी भाता है।
चार नदियों वाला शहर :-
पटना से चार नदियां गुजरती हैं- गंगा, सोन, गंडक और पुनपुन नदी।
गोलघर:-
गोलघर 1786 में जब आकाल पड़ा तब इसका निर्माण किया गया था। यह अनाज को एकत्र व पुनः परिभाषित करने का गोलघर है। जहाँ हर साल हज़ारों की संख्या में पर्यटक आते हैं और इसकी अनोखी पहल को देख खुश होते हैं। आप भी अगर पटना में हैं तो यहाँ अवश्य जाएँ।
खुदाबख़्श ओरिएंटल लाइब्रेरी:-
खुदाबख़्श ओरिएंटल लाइब्रेरी सं 1900 में बनाई गई यह लाइब्रेरी ऐतिहासिक विरासतों में से एक है जो पटना के आकर्षणों में चार चाँद लगा देती है।
अगर आप इस लाइब्रेरी में आकर कुछ पल बिताएंगे तो यहाँ के शांत वातावरण में आप डूब जाएंगे। साथ ही अनेकों पुस्तकों का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
तख़्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना:-
तख़्त श्री पटना साहिब या श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब , पटना शहर में स्थित सिख आस्था से जुड़ा यह एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। यहाँ सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान है। गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1666 शनिवार को हुआ था। उनका बचपन का नाम गोबिंद राय था। यहाँ महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनवाया गया गुरुद्वारा है जो स्थापत्य कला का सुन्दर नमूना है|
बिहार की राजधानी में इन दिनों सिख संप्रदाय के दसवें गुरु गोविंद सिंह के 352वें प्रकाशोत्सव में भाग लेने के लिए देश-विदेश के आने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी है. सिख इतिहास में पटना साहिब का खास महत्व है.
सिखों के आखिरी गुरु का न केवल यहां जन्म हुआ था, बल्कि उनका बचपन भी यहीं गुजरा था. यही नहीं सिखों के तीन गुरुओं के चरण इस धरती पर पड़े हैं. इस कारण देश व दुनिया के सिख संप्रदाय के लिए पटना साहिब आस्था का केंद्र रहा है. हरिमंदिर साहिब गुरु गोविंद सिंह की याद में बनाया गया है, जहां उनके कई स्मृति चिह्न आज भी श्रद्धालुओं के आस्था से जुड़े हैं|
हरिमंदिर साहिब पटना सिटी में चौक के पास झाउगंज मुहल्ले में स्थित है.
बोधगया:-
निरंजना नदी के तट पर बोधगया अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल है | रमणीय पर्वतीय भू-भाग ,निर्मल जलवाहिनी नदियाँ , सघन कमलदलों से अच्छादित सरोवर ,सघन वन ,उपवन आदि मन:प्रशासक दृश्यावलियो से युक्त यह स्थल प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ है |
'बिहार म्यूजियम':-
बहुप्रतिक्षित बिहार म्यूजियम के इतिहास दीर्घाओं और अन्य दीर्घाओं का उदघाटन 600 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनकर तैयार हुआ यह म्यूजियम बिहार की पहचान बनने वाला है|
बिहार का नया म्यूजियम राज्य के लोगों के लिए बनकर तैयार है. बहुप्रतिक्षित इस म्यूजियम भव्यता और जानकारियों के मामले में बेहद खास है. इस म्यूजियम में जहां एक ओर बिहार में मिले हजारों साल पुराने कलाकृतियां देखने को मिलेंगी, वही भारतीय इतिहास से सम्बंधित कई ऐसी जानकारियां होंगी जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी.
म्यूजियम में कई दीर्घा बनाए गए हैं, जहां छात्र और विशेषज्ञ अध्ध्यन और रिसर्च कर सकेंगे. इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना. म्यूजियम का हर दीर्घा अपने आप में खास है. हरियाली इसकी खूबसूरती में और चार चांद लगा रही है. इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कि सिर्फ बिल्डिंग बनकर ना रह जाए.
राजगीर:-
पहाडियों से घिरा विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए ख़ासा आकर्षण केंद्र बना हुआ है | प्राचीनकाल में सम्राट जरासंध ने अनेक प्रतिद्वंदी राजाओ को पराजित कर राजगीर दुर्ग में बंद कर रखा था | 28 दिनों तक चले मल्लयुद्ध में भीम ने जरासंध ने दोनो पैर चीर कर मार डाला था |
राजगीर जिन पांच पहाडियों से घिरा हुआ है उन्हें पंचपहाडी नाम से जाना जाता है | ये करीब एक हजार फीट ऊँची है | वैभार ,विपुलाचल रत्नागिरी ,उदयगिरी और सोरोनगिरी के नाम से ये मशहूर है | यहा के अन्य दर्शनीय स्थलों में झरने , जरासंध का अखाड़ा ,विश्व शान्ति स्तूप , बिम्बिसार का जेल मनियार मठ सप्तवर्णी गुफा ,वेष्णुवन और आकर्षक संग्रहालय वीरायतन है |
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