नीति आयोग ने कहा कि वह राज्यों के साथ मिलकर अनुबंध खेती, आनलाईन हाजिर और वायदा कारोबार के अलावा निजी निवेश को प्रोत्साहित करने सहित कृषि बाजार क्षेत्र के सुधारों के लिए काम कर रहा है। आयोग का कहना है कि इन सब प्रयासों का उद्देश्य साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना है।
ठेका खेती को है प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत
नीति आयोग के सदस्य रमेश चन्द ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के पहले चरण में ठेका खेती को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है और जिसके लिए एक मॉडल कानून तैयार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है, हम दोनों को मिलाने में कामयाब होंगे तथा मॉडल ठेका खेती के अंतिम स्वरूप लेकर सामने आएंगे जिसे राज्यों द्वारा अपनाने के लिए उनके साथ साझा किया जाएगा।"
खेती में हो रहा है तेजी से डिजिटलीकरण
रमेश चन्द ने इस बात पर खुशी जताई कि पूर्वोत्तर और मध्य प्रदेश के किसान अपने उत्पादों की बिक्री करने के लिए वायदा कारोबार मंच का उपयोग कर रहे हैं। यहां तक कि मंडियों का इलेक्ट्रानिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के साथ जुड़ाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने आवश्यक उपभोक्ता जिंस कानून को खत्म करने का भी प्रस्ताव किया है जो कीमतों को स्थिर रखने के बजाय उन्हें अस्थिर बना रहा है।