1 चरागो को आँखो मे महफूज रखना बड़ी दूर तक रात ही रात होगी…
मुसाफिर हो तुम भी ,मुसाफिर है हम भी… किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
2 गिरते रहे सजदों में हम अपनी ही हसरतों की खातिर।
अगर इश्क़-ऐ-खुदा में गिरे होते तो कोई हसरत अधूरी ना होती !!!
3 उदास कर देती है दोस्तों हर शाम मुझे,
ऐसा लगता जैसे कोई भूल रहा हो मुझे !!
4इन झूठे वादों के सहारे तेरा रास्ता देखते एक अरसा गुजर गया है,
अब तो करीब आ जाओ कि अब उतना सब्र मुझमेँ भी न रहा है.......!!!
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