गाय को हिन्दू धर्म में पवित्र जीव माना गया है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है गाय के शरीर पर 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है। आइए जानते हैं ज्योतिष में गाय से जुड़े कुछ तथ्य और उपाय जिसको करने से हर एक काम में सफलता पायी जा सकती है।
पहली रोटी गौ माता के लिए पकाएं व खिलाएं।
प्रत्येक मांगलिक कार्यों में गौ माता को अवश्य शामिल करें।
गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं।
बच्चे अगर कहने से बाहर हो तो गौमाता को भोजन उनके हाथ से या हाथ लगवा कर खिलाएं।
प्रतिदिन,सप्ताह में या महीने में एक बार गौशाला परिवार समेत जाने का नियम बनाएं।
गर्मियों में गौ माता को पानी अवश्य पिलाएं।
सर्दियों में गौ माता को गुड़ खिलाएं। गर्मियों में गाय को गुड़ न खिलाएं।
गौ माता के पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है, इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं।
परिवार में गौ से प्राप्त पंचगव्य युक्त पदार्थों का उपयोग करें, पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते।
गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं।
गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है।
गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है व सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है।
गौ माता के गोबर से निर्मित शुद्ध धूप-बत्ती का उपयोग करें।
गौ गोबर के बने उपलों से रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
घर के दरवाजे पर गाय आये तो उसे खाली न लौटाएं।
गौ माता को कभी पैर न लगाए, गौ माता अन्नपूर्णा देवी कामधेनु है, मनोकामना पूर्ण करने वाली है।
गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे य गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है।
जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है।
गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है और गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है।
गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।
गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है। उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह गौ माता की पीठ पर हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।
तन मन धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता है वो वैतरणी गौ माता की पूंछ पकड कर पार करता है। उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती और उन्हें गौ लोकधाम में वास मिलता है।
जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है।
गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेती है छोडती है । वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
जो धैर्य पूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है।
स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र अर्क को रोजाना दो तोला सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं।
गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है।
कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो या प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा।
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