रो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस को लगभग चौंकाते हुए भारतीय करेंसी में हिंदू देवी देवताओं, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की तस्वीर लगाने की अपील की यह अपील करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया ऐसा कर सकता है तो भारत क्यों नहीं? आम आदमी पार्टी के मुखिया ने यहाँ तक कहा कि इंडोनेशिया की आबादी में पचासी प्रतिशत जनता मुस्लिम हैं और केवल दो प्रतिशत जनता हिंदू हैं, फिर भी गणेश जी की तस्वीर उनकी करंसी पर है जैसे ही केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाया, इसके बाद टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया और इंटरनेट पर यह मुद्दा ट्रेंड करने लगा इन्डोनेशियाई नोट पर हिंदू देवता की तस्वीर क्यों? दोस्तों ज़ाहिर सी बात है की ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा होगा कि इन्डोनेशियाई नोटों पर गणेश जी की तस्वीर क्यों छापी गई? दरअसल इंडोनेशिया ने ये नोट साल उन्नीस सौ अट्ठानवे में एक खास थीम के तहत जारी किया था और अब ये नोट चलन में नहीं है सोशल मीडिया पर वायरल होती इस नोट की तस्वीर को ध्यान से देखें तो इसमें एक तरफ हिंदू देवता गणेश जी और एक शख्स की तस्वीर
नजर आती है, वही नोट के दूसरी तरफ पढ़ाई करते हुए कुछ बच्चों की तस्वीर नजर आती हैं बता दें कि इंडोनेशिया के नोट पर गणेश जी की तस्वीर हो ना यहाँ की संस्कृति में विविधता को दर्शाता है साल उन्नीस सौ अट्ठानवे में जारी, किए गए इस करेंसी नोट का थीम शिक्षा थी गणेश जी को इंडोनेशिया में कला बुद्धि और शिक्षा का भगवान माना जाता है यहाँ के कई शैक्षणिक संस्थानों में भी गणेश जी की तस्वीर का इस्तेमाल होता है इस नोट पर इंडोनेशिया के राष्ट्रीय नायक की हज़ार देवनतरा की तस्वीर भी है उन्होंने उस दौर में इंडोनेशिया लोगों की शिक्षा के अधिकार के लिए काफी संघर्ष किया था, जब ये देश डेन्मार्क का उपनिवेश हुआ करता था उस दौर में सिर्फ समृद्ध और डच समुदाय के बच्चों को ही स्कूल जाने की अनुमति थी हालांकि इंडोनेशिया में अभी भी एक करेंसी नोट सर्कुलेशन में हैं, जिसमें इन्डोनेशियाई द्वीप बाली में स्थित एक हिंदू मंदिर की तस्वीर है यहाँ पचास, हज़ार रुपये के नोट में बाली के एक हिंदू मंदिर की तस्वीर है बाली में हिंदू समुदाय बहुत अधिक संख्या में हैं हालांकि यह नहीं कहा जा सकता की यहाँ के नोटों पर सिर्फ हिंदू धर्म के प्रतीक हैं, क्योंकि
दूसरे नोटों में अलग अलग धर्मों और समुदायों के प्रतीकों को भी जगह दी गई है इन्डोनेशिया में गणेश जी इतने लोकप्रिय क्यों है? सारे? इंडोनेशिया में भले ही हिंदू मात्र दो प्रतिशत हो लेकिन बालीद्वीप की नब्बे प्रतिशत जनसंख्या हिंदू हैं और हिंदू धर्म का विस्तार सारे इंडोनेशिया में है एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्नीस सौ साठ और सत्तर के दशक में जावा द्वीप पर हजारों लोगों ने हिंदू धर्म अपना लिया था इन्डोनेशिया के समाज और संस्कृति पर नजर डाली जाए तो कई क्षेत्रों में इंडोनेशिया के हिंदू इतिहास की झलक मीलती है यहाँ अतीत में कई हिंदू राजवंश का शासन रहा है सात वीं से सोलह वीं सदी के बीच इंडोनेशिया के अधिकतर हिस्से पर हिंदू बौद्ध राजवंश का शासन था इनमें मजापहित साम्राज्य और श्री विजय साम्राज्य सबसे बड़े थे इनके दौर में हिंदू धर्म इंडोनेशियाई द्वीपों में खूब फला फूला इस साम्राज्य में भी हिंदू और बौद्ध समेत कई धर्म फले फूले लेकिन धार्मिक भाषा संस्कृत ही रही इससे पहले श्री विजय साम्राज्य का दौर सातवीं से बारहवीं सदी तक रहा, जिसके मुख्य भाषाएं संस्कृत और ओल्ड मलाई रही थी मौजूदा दौर में भी इंडोनेशिया के इतिहास में
पनपी लोककथाओ और प्रतीकों का असर दिखाई देता है इन्डोनेशिया का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ है, जिसका सीधा संबंध हिंदू पौराणिक ग्रंथों से है वाल्मीकि रामायण में भी गरुड़ पक्षी के कई विवरण मिलते हैं उदाहरण के लिए जब सीताजी की खोज में श्रीराम निकले हुए थे तब जटायु ने उनकी मदद की थी वहीं लक्ष्मण जी को नागपाश से गरुड़ नहीं बचाया था इसके साथ ही इंडोनेशिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में से एक बांडुंग इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी गणेश जी की तस्वीर को लोगों के रूप में इस्तेमाल किया गया है इन्डोनेशिया की एयर लाइन्स का नाम भी गरुड़ एयर लाइन्स है जिसके लोगों में भी पौराणिक पक्षी गरुड़ की तस्वीर को इस्तेमाल किया गया है इसके साथ ही इंडोनेशिया में एक स्थान ऐसा भी है जहाँ उन्नीस सौ इकसठ के बाद से अब तक लगातार रामायण का मंचन जारी है रामायण से जुड़े किरदारों को निभाने वालों में हिंदुओं के साथ साथ दूसरे धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं इसके साथ ही इंडोनेशिया में हिंदू नामों को रखना भी काफी प्रचलित है सीन
औंस दोस्तों अगर आपको हमारा पोस्ट अच्छा लगा तो प्लीज़ लाइक करें, शेर करें और कमेंट करें और फॉलो करना ना भूलें ताकि हमारी हर में पोस्ट की अपडेट आपको मिल ती रहे धन्यवाद