एक थकी हुई हाउसवाइफ की अभिलाषा... चाह नहीं, इस हफ्ते तुमसे मैं गुलाब कोई पाऊँ चाह नहीं तुम चॉकलेट दो और मैं गपगप खा जाऊँ... चाह नहीं टैडीबीयर पाकर उसे शोकेस में सजाऊँ... चाह नहीं तुम 'लव यू' कहो, और मैं सुनकर इतराऊँ... मुझे देना वो चादर प्रिये... जिसे तान मैं, पूरा दिन सो जाऊँ... और जब भी कोई काम को बोले.... मैं बहरी हो जाऊं... मैं बहरी हो जाऊं...!'."
Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!