(दुनिया फरेब करके हुनरमंद हो गयी,
हम ऐतबार करके गुनहगार हो गये!)
हुनरमंद की ज़रुरत दुनिया चलाने में है ,
गुनहगार बेआबरू हुए पत्थरों से लहूलुहान चले जा रहे हैं |
हुनर चाहिए दुनिया को जीतने के लिए ,
गुनाह करने पड़ेंगे दिलों को जीतने के लिए |
हुनरमंद को सलामी मिलती है ,
गुनहगार को गुमनामी |
सलाम लेकर भी बहुत हुनरमंद दुखी नज़र आतें ,
गुनहगार की चाल मस्त और बातें सुभानअल्लाह |
जिसको हो जो पसंद ,
मुबारक उसे हो वो ज़िन्दगी |
मुबारक हो दिल से ,
जो हुनरमंद गुनहगार से अगर मिले हो तुम |
(दुनिया फरेब करके हुनरमंद हो गयी,
हम ऐतबार करके गुनहगार हो गये!)