जब लोगों के भीतर पापी को देखो
तो उनके भीतर बैठे परमात्मा को भी देखो।
दोनों दिखने चाहिए तभी तो मज़ा है।
अगर सिर्फ़ पापी को देखा
तो निराश हो जाओगे।
सिर्फ़ परमात्मा को देखा
तो चूक रहे हो, यथार्थ से दूर खड़े हो।
दोनों को देखो।
जब लोगों के भीतर पापी को देखो
तो उनके भीतर बैठे परमात्मा को भी देखो।
दोनों दिखने चाहिए तभी तो मज़ा है।
अगर सिर्फ़ पापी को देखा
तो निराश हो जाओगे।
सिर्फ़ परमात्मा को देखा
तो चूक रहे हो, यथार्थ से दूर खड़े हो।
दोनों को देखो।