छोटी सी उम्र में पाप के साथ शौक में खेलते-खेलते सीखा चैस, 11 साल की उम्र में शुभी ने दुनिया भर में कमाया नाम
दिल्ली से सटे गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक में रहने वाली शुभी गुप्ता की उम्र 11 साल है. इस छोटी सी उम्र में शुभी ने न सिर्फ अपना और अपने परिवार का बल्कि देश का नाम भी दुनियाभर में रोशन किया है. शुभी ने मालदीव में आयोजित पश्चिमी एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में भारत को रजत पदक दिलाया है. इसके अलावा देश विदेश में अब तक वो कई पदक अपने नाम कर चुकी है ।
शतरंज खेलने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली थी. जो पेशे से इंजीनियर हैं और माँ एक कुशल गृहणी होने के साथ एक अच्छी माँ भी है । शुभी का एक बड़ा भाई भी है ।
शुभी गुप्ता बताती है कि 2017 से उन्होंने अपने पिता के साथ चैस खेलना शुरू किया. शुभी के पिता प्रदीप गुप्ता पेशे से आईटी इंजीनियर है. प्रदीप को चैस खेलना बेहद पसंद है. पिता के साथ कुछ वक्त चैस खेलने के बाद शुभी की रूचि चैस में बढ़ने लगी. जिसके बाद शुभी ने स्कूल में चैस क्लब ज्वाइन किया. चैस में महारत हासिल करने के बाद उन्होंने इंटर स्कूल और जिला स्तर पर आयोजित हुई कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया. जिसमें उन्हें कामयाबी हासिल हुई. अधिकतर प्रतियोगिताओं में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया । इस छोटी सी उम्र में शुभी अनगिनत मैडल और ट्राफियां जीत चुकी हैं । शुभी के माता-पिता ने बताया उनकी बेटी देश का नाम रोशन कर रही है यह उनके लिए गर्व की बात है । आज उनकी बेटी की वजह से उनका नाम भी रोशन हो रहा है ।