Niyazi khan
Badaun story
22 वीं सदी के यूपी में असुविधा ,अव्यवस्था के वातावरण से गुजर रहा नन्हे मुन्ने बच्चाें का भविष्य ,
यूपी सरकार भले ही कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में कामयाब रही लेकिन कल के भविष्य के कंधाें काे मजबूत करने में नाकाम साबित हाे ती नजर आ रही जी हां network 10 आपकाे उस सच से रूबरू कराने जा रहा जिसकाे देखने के बाद भी आप कहेंगे को मजबूर हो जाएंगे कमाल है यागी की सरकार में सरकार की बेसिक शिक्षा का आज भी उपेक्षित हाल क्याें ,जनसंख्या का एक बडा हिस्सा जाे आज भी सरकारी प्राइमरी विद्यालयाें के माध्यम से अपने नाैनिहालाें का भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी साैंपती है , लेकिन व्यवस्था की इन तस्वीराें काे देख कर सभी के मन में अनगिनत सवाल पैदा हाेगें विस्तार सें हम दिखाएँगे आपकाे इस रिपाेर्ट में
बदायूँ जनपद में ग्रामीण इलाके के सरकारी प्राइमरी स्कूलाें का क्या हाल हाेगा जब बदायूँ शहर के संविलियन स्कूल साेथा व प्राथमिक विद्यालय नगर क्षेत्र १ के विद्यालय का ऐसा हाल है इन स्कूलाें का भवन अतिदयनीय हालत में हैं वह भी किराये के भवन में जहां गंदगी का साम्राज्य है छत भी सलामत नहीं बच्चाें की संख्या के मुताविक बैठने काे भी नहीं है , बच्चे टायलेट ब शाैच काे अपने अपने घर जाने काे मजबूर हाेते हैं
रिपाेर्टर ने इन नाैनिहालाे के मन की अपेक्षाएं जानी ताे उनके मन में सबसे बडा भाव यह था कि काश निजी स्कूलाे की भांति हमारे स्कूल में भी शुद्ध प्युरीफाई पानी मिले , स्वच्छ शाैचालय हाे,बैठने काे फर्नीचर हाे , साफ स्वच्छ परिसर हाे, पक्की छत का भवन हाे छात्र संख्या के मानक भर शिक्षक हाें ताकि उनका भविष्य भी अभिभावक की गरीबी के कारण अमीराें के बच्चाें से उपेक्षति ना रहे , वह भी कल की दुनिया गति में सहगामी बन सकें