भारत का इतिहास जितना समृद्ध है, उतना ही शक्तिशाली और दिलचस्प भी है। भारत की पावन मिट्टी पर राज़ करने वाले यूं तो बहुत शासक हुए, जिनकी कहानियां आज भी इतिहास के पन्नों में पढ़ने को मिल जाएंगी। कुछ राजा ऐसे भी थे, जिनके चर्चे पढ़ने की कोई ज़रूरत ही नहीं है। कहने का मतलब ये कि ऐसे राजाओं के बारे में हम स्कूल की किताबों में ही पढ़ चुके होते हैं। लेकिन आज हम आपको राजा भुपिंदर सिंह के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। आज आपको राजा भुपिंदर सिंह की निजी ज़िंदगी के कुछ अनसुने किस्से जानने को मिलेंगे, जो आपने शायद ही पहले कभी सुने या पढ़े होंगे।
365 रानियों के इकलौते राजा थे भुपिंदर सिंह
पटियाला पर राज करने वाले भुपिंदर सिंह महाराज की कुल 365 रानियां थीं। लेकिन किस रानी के साथ रात गुज़ारनी है, इसका चुनाव एक बेहद ही खास तरह से किया जाता था। चलिए अब आपको राजा की सभी रानियों और उनके साथ संबंधों के बारे में राज़ की बात बताते हैं। पटियाला की राजगद्दी पर महाराजा भूपिंदर सिंह ने करीब 38 साल तक (1900 से 1938) राज़ किया। कुल 365 रानियों के इकलौते राजा की अधिकृत रानियों की संख्या केवल दस ही थी। राजा ने अपनी सभी 365 रानियों के लिए आलीशान भव्य महल बनवा रखे थे।
किस रानी के साथ बितानी है रात, ऐसे होता था फैसला
राजा भुपिंदर सिंह के पटियाला महल में यूं तो कई लालटेन जलते थे, लेकिन उनमें से 365 लालटेन काफी खास थीं। हर रात जलने वाली ये 365 लालटेन ही तय करती थीं कि राजा इस रात कौन-सी रानी के साथ रात बिताने वाले हैं। दरअसल इन सभी लालटेन पर राजा की सभी 365 रानियों के नाम लिखे हुए होते थे। अगले दिन सुबह होते ही जो लालटेन सबसे पहले बुझती थी, राजा उसी रानी का नाम पढ़ते थे और आने वाली रात उसी रानी के साथ गुज़ारते थे।