एक बार किसी गाँवमे मछवारे जलसे मछली निकाल रहेथे उसको किसी घडा जैसे वरतनमे कुछ चाँदी पैसा, एवं सुन कि कोइ चावी (कुन्जी) जैसे मिले , वह तुरून्त राजाको जाकर सोप दिया । यह देख नारदजी ने ब्रह्मा से कहा भगवन उसकी दुख मुझसे नही देखा गया अउर मै उसका दुख दुर करनेके लिये जो लिला अपनाया मै मुर्ख बनगया ।
यस सुन ब्रह्मा जी ने कहा जो जैसे करेगा वैसे ही फल पायेगा । अतः यहा पर हमसे कोइ दोस्ती करे तो दोस्त ही बनाए न कि पिता बनाए ।
Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
आपकी यह बात सही है कि जो जैसा करेगा वैसा ही फल पाएगा. इसलिए अच्छा करो व अच्छा पाओ.
Downvoting a post can decrease pending rewards and make it less visible. Common reasons:
Submit