एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम रोहन था। रोहन को अपने गाँव की पुरानी कहानियाँ और लोककथाएँ बहुत पसंद थीं। वह हमेशा अपने दादा जी से सुनता था कि कैसे उनके पूर्वजों ने गाँव की रक्षा की थी और कैसे उन्होंने अपनी बहादुरी और बुद्धिमत्ता से गाँव को समृद्ध बनाया था।
एक दिन, रोहन ने सुना कि गाँव के पास एक पुराना मंदिर है जो कई सालों से बंद पड़ा है। रोहन को उस मंदिर के बारे में जानने की उत्सुकता हुई और उसने अपने दादा जी से पूछा। दादा जी ने बताया कि उस मंदिर में एक शक्तिशाली देवता की मूर्ति है जो गाँव की रक्षा करता है, लेकिन कई सालों से उस मंदिर में कोई नहीं गया है।
रोहन ने सोचा कि वह उस मंदिर को खोजेगा और देवता की मूर्ति को ढूंढेगा। उसने अपने दोस्तों को बताया और वे सभी मंदिर की ओर चल दिए। रास्ते में, उन्हें कई खतरों का सामना करना पड़ा, लेकिन रोहन की बहादुरी और बुद्धिमत्ता ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की।
जब वे मंदिर पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर के दरवाजे बंद थे, लेकिन रोहन ने एक छोटा सा दरवाजा खोज लिया और अंदर घुस गया। अंदर, उन्होंने देवता की मूर्ति को देखा और उसे पूजा की।
तभी, उन्हें एक आवाज सुनाई दी जो कह रही थी, "रोहन, तुमने मंदिर को खोज लिया है, अब तुम्हें गाँव की रक्षा करनी होगी।" रोहन ने देखा कि देवता की मूर्ति बोल रही थी।
रोहन ने कहा, "मैं गाँव की रक्षा करूँगा, लेकिन मुझे आपकी शक्ति की जरूरत होगी।" देवता ने कहा, "तुम्हारी बहादुरी और बुद्धिमत्ता ही मेरी शक्ति है। जao, गाँव की रक्षा करो।"
रोहन और उसके दोस्त गाँव वापस आए और उन्होंने गाँव की रक्षा की। उन्होंने गाँव को समृद्ध बनाया और गाँव वालों को खुश रखा। रोहन की कहानी गाँव में प्रसिद्ध हो गई और लोग उसे एक नायक के रूप में देखने लगे।