Ghalib's Shervani

in instructive •  6 years ago 


Image source



गालिब की शेरवानी

दिन का समय था। मिर्जा गालिब ने शेरवानी उठाई और मस्जिद
की ओर चल दिये। मार्ग में एक सायेदार वृक्ष देखा। वे सुस्ताने के लिए
बैठ गये।शेरवानी एक टहनी पर लटकायी। थकेमांदे तो थे ही, झपकी
आ गयी।
उधर एक रात का शरीफ आया। उसने देखा कि मुसाफिर बेखबर
सोया पड़ा है। उसने शेरवानी उतारी और चलता बना। मिर्जा की नींद
खुली तो क्या देखते हैं कि कोई रात का शरीफ दिन में ही उनकी
शेरवानी उड़ा ले गया है। वे मुस्कराये और सहसा उनके मुंह से
निकल गया :
'न लुटता दिन को तो कब रात में मैं बेखबर सोता,
रहा खटका न चोरी का दुआ देता हूं रहजन को।
ईश्वर! तू चोर की उम्र लम्बी करउसने मुझे दिन में लूट ही लिया
है। अब कम से कम रात को तो पैर फैलाकर सोऊंगा।



शिक्षा अपनी प्रत्येक वस्तु की संभाल करो। परन्तु यदि खो जाएतो दुःख मत करो। सदा मस्तप्रसन्न रहो।

Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  

Dhanywaad

Sneaky-Ninja-Throwing-Coin 125px.jpg
Defended (9.95%)
Summoned by @fularam4u
Sneaky Ninja supports @youarehope and @tarc with a percentage of all bids.
Everything You Need To Know About Sneaky Ninja


woosh