सरकार का अनुच्छेद 370 पर तर्क

in jambu •  3 years ago 

header-pic.jpg

सरकार का अनुच्छेद 370 पर तर्क

• जम्मू-कश्मीर के राजस्व विभाग से सम्बंधित एक अधिकारी ने अपना नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बीबीसी हिंदी से कहा, "जिन लोगों ने उनके दफ़्तर में अपनी संपत्तियां दर्ज करने का आवेदन किया था वो पिछले 15 साल से ज़्यादा समय से जम्मू-कश्मीर में ही रह रहे हैं. जिन लोगों ने यह ज़मीन ख़रीदी है उनके पास स्थाई निवास प्रमाणपत्र (पर्मानेंट रेज़िडेंट सर्टिफ़िकेट) नहीं था, लेकिन उन लोगों ने अपने मूल निवासी प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफ़िकेट) बनवा लिए हैं."

जब बीबीसी हिंदी ने उनसे यह जानना चाहा की किस आदेश के तहत उन्होंने इन संपतियों को पंजीकृत किया है, तो उन्होंने बताया कि सरकार की पॉलिसी के अनुसार ही उन्होंने ऐसा किया है.

सदन में इस मामले में उठे सवाल और फिर सरकार के जवाब की इसलिए भी अहमियत बढ़ जाती है क्योंकि केंद्र सरकार ने जब अनुच्छेद 370 ख़त्म किया था, तो इस फ़ैसले को सही ठहराते हुए सरकार और ख़ासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि अनुच्छेद 370 के कारण बाहर के लोग ना तो वहां ज़मीन-जायदाद ख़रीद सकते हैं और न ही कोई निवेश हो सकता है.

सरकार का तर्क था कि अनुच्छेद 370 राज्य के विकास में रुकावट है, इसलिए राज्य के चौतरफ़ा विकास के लिए इस अनुच्छेद को सरकार ने ख़त्म करने का फ़ैसला किया है.

किन दो लोगों ने संपत्ति ख़रीदी है, सरकार ने इसका ब्यौरा तो नहीं दिया है. लेकिन बीबीसी हिंदी ने अपनी पड़ताल में पाया है कि दोनों संपत्ति जम्मू में ख़रीदी गई हैं.

राजस्व विभाग के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने उनके दस्तावेज़ों की जांच पड़ताल करने के बाद ही उनकी संपत्तियां पंजीकृत करने की कार्रवाई पूरी की है.

सरकार ने तो ख़ुद इस बात को संसद में माना है कि पिछले दो सालों में केवल दो संपत्तियां ख़रीदी गईं हैं, लेकिन ज़मीन पर इसकी जांच करने पर पता चला कि सरकार के इस दावे में भी पूरी सच्चाई नहीं बताई गई है.

राजस्व विभाग के अधिकारी ने बीबीसी हिंदी से इस बात की भी पुष्टि की है कि यह संपति आवासीय है और जम्मू साउथ में यह संपतियां ख़रीदी गई हैं.

Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  
Loading...