Hello Steam Friends
"Self-power is the power of human being, on which force he becomes capable of doing whatever he wants."
It is not possible for everyone to believe in this matter easily. Because the realization of self-realization is not only possible for everyone.
I would like to mention a historic event based on self-realization, which you will be surprised to hear.
On December 6, 1704, in the Punjab of India, the battle of Shankar was fought and Hindokul Rakshak Kshatriyas, Sikh Guru Gobind Singh ji, between Sanatan Dharma was protected. The Mughal army had 10000 soldiers, traditional weapons and a very deep experience. You will be surprised that only 42 Sikhs fought the battle with the experienced Mughal army. Only 42 Sikk Seniko defeated the Mughal army of 10 lakh cenikas and once again overthrew the Mughal empire, established by Babur to India.
These are the power of self-power.
Wa Guruji da Khalsa
Wahi Guruji's Fateh
Good morning.
नमस्कार स्टीम फ्रेंड्स।
"आत्मबल, मानव की वो शक्ति हैं, जिसके बल पर वो, जो चाहे, करने में सक्षम हो जाता हैं।
इस बात पर सहज ही विश्वास करना हर किसी के लिए सम्भव नही। क्योंकि आत्मबल की प्राप्ति भी हर किसी के सम्भव ही नही हैं।
आत्मबल पर आधारित एक ऐतिहासिक घटना का जिक्र करना चाहूंगा, जिसे सुनकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
6 दिसम्बर 1704 को भारत के पंजाब राज्य में चमकौर का युद्ध मुगलो और हिन्दुकुल रक्षक क्षत्रिय, सिक्ख गुरु गोविंद सिंह जी के बीच सनातन धर्म रक्षार्थ हुआ। मुगल सेना में 1000000 सैनिक, पारम्परिक हथियार और बहुत गहरा अनुभव था। आपको आश्चर्य होगा कि, इतनी बड़ी ओर अनुभवी मुगल सेना से युध्द लड़ा मात्र 42 सिक्खों ने।मात्र 42 सिक्ख सेनिको ने 10 लाख सेनिको वाली मुगल सेना को हरा दिया और एक बार भारत को बाबर द्वारा स्थापित मुगल साम्राज्य को उखाड़ फेंका।
ये हैं, आत्मबल की शक्ति।
वाहे गुरुजी दा खालसा।
वाहे गुरुजी की फतेह।
सुप्रभात, आपका दिन मङ्गलमयी हो।
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