आपकी बात कुछ हद तक, आज दे हिसाब से ठीक है परन्तु आज भी ऐसे लोग है जो अहिंसा को महत्त्व देते है. इसलिए ही दुनिया चल रही है नहीं तो सब ख़त्म हो गए होते.
RE: मानवता संरक्षण का अस्त्र : अहिंसा (अन्तिम भाग # ५ ) | The War of Humanitarian Conservation : Non-violence (Final Part # 5)
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मानवता संरक्षण का अस्त्र : अहिंसा (अन्तिम भाग # ५ ) | The War of Humanitarian Conservation : Non-violence (Final Part # 5)
मेहता सर् आप भी बिलकुल ठीक कह रहे है,पर मेरा मानना है कि जो लोग आज के समय मे अहिंसा को मानते
और अपने जीवन मे आजमाते है उनको लोग अकसर कमजोर समझते है,क्योकि इस तरह की चीजो को मैने खुद अनुभव किया है , तो अब आपको इसके बारे में क्या कहना है
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