RE: क्षमा वीरस्य भूषणम् (अंतिम भाग # २) | Heroes Pride Forgiveness (Final Part # 2)

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क्षमा वीरस्य भूषणम् (अंतिम भाग # २) | Heroes Pride Forgiveness (Final Part # 2)

in life •  6 years ago 

बैर से बैर बढता हे और पियर से पियर बढता हे इस संसार में सन्जन व्यक्ति कभी क्रोधित नहीं होते सवेव प्रशन रहते हे और जो कोई भी उनसे ग्रिना क्रोध करता हे उसे भी वे माफ़ कर देते हे हम इस संसार को पियार और स्नेह ही जित सकते हे

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ये दुनिया प्यार से ही चल सकती है. और क्रोध करके हम अपना दिमाग और सामने वाले का दिमाग भी ख़राब कर देते है. अत: इससे बचना चाहिए.

जी बिलकुल सही बात आपकी और सर जी मेने आपको मेरा facebook profile का लिंक दे रहा हु उमीद आप आप जरुर मुझे एक msg करोगे मुझे कुछ knowlage चाहिए आपसे की किस तरह के पोस्ट लिखू में और किस सब्जेक्ट पर जिस से मेरा steemit ब्लॉग ग्रो करे

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