" प्यार " एक ऐसा एहसास, एक ऐसी भावना जिसका सिर्फ़ जिक्र किया जाए तो ये सारी जिंदगी कम है। प्यार ऐसी भावना जिसके नाम हम अपनी हर एक साँस भी लिख दे तो वो भी कम है। परंतु सबसे ज्यादा समस्या भी प्यार में उत्पन्न होती है। सबसे ज्यादा दिल भी प्यार में ही टूटते हैं। हम किसी से दिलोजान से प्यार करते हों वो हमें अचानक छोड़ दे, तो ऐसी स्थिति में जिन्दगी बेमानी लगने लगती है॥ज्यादातर लोगों को ये समझ में नहीं आता है कि ऐसी परिस्थिति में वो क्या करें। बहुत से लोग तो इतने नादान होते हैं कि अपनी जिन्दगी को भी दाँव पर लगा देते हैं। मेरी एक दोस्त ने भी इसी तरह की परिस्थिति में होने पर मुझसे पूछा था कि उसे क्या करना चाहिये। उस समय मैंने उसे एक पत्र लिखा था। आज मैं उस पत्र को अपनी पोस्ट में शामिल कर रहा हूँ। हो सकता है मेरी इस बात से बहुत से लोग इत्तेफ़ाक ना रखें। पर मैं इस पत्र को अपने ब्लॉग पर सिर्फ इसलिये शामिल कर रहा हूँ कि मेरे इस पत्र को पढ़कर अगर किसी के दिल को जरा सी भी राहत मिलती है तो मैं अपने इस पोस्ट को सफल समझूँगा।
प्रिय ..........
कैसी हो तुम ? मैं तुम्हे उसी समय से पत्र लिखने की सोच रहा था जिस दिन तुमने अपने अतीत के पन्नों को मेरे सामने रखा था। पर क्या करुँ समय ही नहीं मिल पा रहा था, उस दिन बहुत सारी बातें जो मैं तुमसे कहना चाह रहा था, अधूरी रह गयीं थीं। तो मैंने सोचा कि वो सारी बातें तुम्हे पत्र लिख कर के कह देता हूँ क्योंकि फोन पर अब तुम्हारी और मेरी बात कब हो पायेगी ये पता नहीं है....? इसलिये मैं तुम्हे पत्र लिख रहा हूँ...मुझे नहीं पता है कि तुम्हें मेरा पत्र लिखना पसन्द आयेगा या नहीं...पर तुम मेरी एक अच्छी दोस्त हो इसलिये मैं तुम्हें किसी भी तकलीफ में नहीं देख सकता हूँ...मैं तुम्हारी तकलीफों को अगर जरा सा भी कम कर पाया तो मुझे लगेगा की मैंने दोस्ती का कुछ तो फर्ज़ निभाया, अगर इसके कारण तुम मुझसे नाराज भी हो जाओगी तो चलेगा...!!
ये ठीक है कि तुमने किसी को बहुत शिद्दत के साथ प्यार किया और ये चाहा की वो भी तुम्हे उतना ही प्यार करे,पर जिन्दगी में हम जैसा चाहते हैं वैसा होता नहीं है... वही तुम्हारे साथ भी हुआ पर इसका मतलब ये तो नहीं है ना की अपनी आगे की भी जिन्दगी इसी गम में गुजार दी जाये.. फिर तुम ये क्यों नहीं सोचती हो की जिससे तुम इतना प्यार करती थीं उसे जब तुम्हारी परवाह नहीं है वो अपनी दुनिया में खुश है, तो तुमने क्यों अपने आप को उसकी यादों के जंजीर में अपने आप को कैद कर रखा है...क्यों नहीं इन यादों की जंजीरों को तोड़ के खुली हवा में साँस लेती हो..ये तो उसकी बदनसीबी है जो वो तुम्हारे सच्चे प्यार को नहीं पहचान सका...और ये एक तरह से अच्छा ही हुआ कि उसकी असलियत देर से सही तुम्हारे सामने तो आ गयी..ऐसे भी किसी ने ठीक ही कहा है कि यदि मन का हो तो अच्छा और यदि मन का ना हो तो बहुत अच्छा क्योंकि जो मन का नहीं हो रहा है, वह किसी वजह से नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से नहीं हो रहा है, वह भगवान है। इसलिए उसका किया बहुत अच्छा ही होगा। मैं मानता हूँ की तुम्हारी दु:ख,तकलीफें और परेशानियाँ मेरे केवल इतना कहने भर से दूर नहीं हो जायेंगी..किसी को अगर सच्चे दिल से चाहा जाता है तो उसकी यादों को भूलाना आसान नहीं होता है.. पर जो यादें परेशानी का सबब बन जायें उन यादों को अपने जहन से निकाल फेंकने में ही भलायी है | कम से कम उन लोगों के लिये जो तुमसे बेहद प्यार करतें हैं.. जिन्हें दु:ख होता होगा तुमको इस हालत में देखकर, जैसे तुम्हारे माता,पिता और तुम्हारे बहुत ही करीबी दोस्त| इन सभी की खुशियों और अपने लिये तुम्हें अपने अतीत को भुलाना होगा |
माना कि बाहों में हो फूल सदा ,
ये जरूरी तो नही ।
काँटों का दर्द भी ,
कभी तो सहना होगा।
राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धुप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ।
हंसी खिलती रहे सदा ,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्को को,
कभी तो बहना होगा।
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पर तुम्हें खुश रहने की कोशिश तो करना होगा |
तुम यकींन मानो तुम्हारे जीवन में भी खुशियाँ फिर से आयेंगी, इसका विश्वास रखो..जिन्दगी की हर सुबह जरुरी नहीं के रोशनी के साथ हो,कभी कभी बादल किरनों को रोक लेते हैं पर रोशनी का होना तय है चाहे वो बादलो के बरसनें के बाद ही आये । इसलिये तुम हमेशा खुश रहा करो....
जब भी बात करो,मुस्कुराया करो |
जैसे भी रहो,खिलखिलाया करो |
जो भी हो दर्द,सह जाया करो |
ज्यादा हो,तो किसी से कह जाया करो |
जीवन एक नदी है,इसमे बहते जाया करो |
ऊँच नीच होगी राह में,इनसे उबर जाया करो |
अपनापन जहाँ महसूस हो,स्वर्ग वहीं पाया करो |
बहुत सुंदर है यह संसार,खुश रहकर,और सुंदर बनाया करो |
इसलिए,जब भी बात करो, मुस्कुराया करो |
मैं तुम्हारे इस सवाल का भी फिर से जवाब देना चाहता हूँ कि क्या कर्मों का फल मिलता है...? तो मेरा तो यही मानना है कि हाँ व्यक्ति जैसा करता है उसका फल उसे जरूर मिलता है....!!! एक बात मैं और तुमसे कहना चाहता हूँ जिस लड़के से तुम प्यार करती थीं अगर हो सके तो तुम अपनी तरफ से उसे माफ कर दो..उसे अपनी जिन्दगी से एकदम निकाल दो.. तुम उससे कुछ मत बोलो.. जो बोलना है वो उसके अन्दर की आवाज इक दिन बोलेगी,जिन्दगी में आदमी दुनिया को धोखा दे सकता है अपने अन्दर की आवाज को नहीं,ये बात तुम याद रखना | जो दूसरों को धोखा देते हैं वो कभी न कभी बहुत बड़ा धोखा पाते हैं... उसी वक्त का तुम इंतजार करो.... और तुम यकींन मानो ऐसा जरूर होगा |मैं तुमसे फिर कहना चाहूँगा कि.......
तुम मेरे संग गुनगुनाओ तो कोई बात बने !
थोड़ा खुलकर के मुस्कुराओ तो कोई बात बने !!
रोज मिलते हो गले यारों से !
हाथ दुश्मन से मिलाओ तो कोई बात बने !!
जलते हर शाम मंदिरो मे दिये !
एक घर रौशनी लाओ तो कोई बात बने !!
तेरी बातों पे मुस्कूरादे ये जग चाहे !
किसी रोते को हंसाओ तो कोई बात बने !!
न सकूँ इतना उठ ऊँचा आसमानों तक !
किसी गिरते को उठाओ तो कोई बात बने !!
है चार पल की जिंदगी ना रोके बीता !
हर पल हंसके बिताओ तो कोई बात बने !!
सारी दौलत लूटा के ना मिले प्यार कहीं !
दिल ये अपना तुम लुटाओ तो कोई बात बने !!
अपना ख्याल रखना और कभी भी अपने को अकेला महसूस मत करना। मैं हर कदम पर तुम्हारे साथ हूँ..........
तुम्हारा दोस्त
अनुराग
Hi! I am a robot. I just upvoted you! I found similar content that readers might be interested in:
https://www.facebook.com/jyotsanamanoj
Downvoting a post can decrease pending rewards and make it less visible. Common reasons:
Submit