पहली बार किसी कविता को पढ़कर आंसू आ गए ।😔😔
दुध पिलाया जिसने छाती से निचोड़कर
मैं "निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका । 😭
बुढापे का "सहारा,, हूँ "अहसास" दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को "मखमल, पर सुला न सका । 😭
वो "भूखी, सो गई "बहू, के "डर, से एकबार मांगकर
मैं "सुकुन,, के "दो, निवाले उसे खिला न सका ।😭
नजरें उन "बुढी, "आंखों से कभी मिला न सका ।
वो "दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका । 😔
जो हर "जीवनभर" "ममता, के रंग पहनाती रही मुझे
उसे "दिवाली पर दो "जोड़ी, कपडे सिला न सका । 😭
"बिमार बिस्तर से उसे "शिफा, दिला न सका ।
"खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल, ले जा न सका । 😔
"माँ" के बेटा कहकर "दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
"दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका । 😭
माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "Duaa" समझकर भूला देना चाहिए|✨,, ✨
अगर यह पोस्ट आप शेयर करोगे तो कम से कम दो लड़के ईस पोस्ट को पढ कर अपनी माँ के बारे मे सोचेंगे जरुर!!!!!!!! 😔
❤❤