सूर्य नमस्कार क्या है
सूर्य नमस्कार का अर्थ है देवता सूर्य को नमस्कार करना या खुद को अर्पण करना , सूर्य नमस्कार शास्त्रों में एक ऐसा योग है जिसके द्वारा अपने मन एवं शरीर को चुस्त एवं दुरुस्त रखा जा सकता है।
जैसा की हम लोग जानते हैं की जब हम किसी को नमस्कार करते है तो अपने दोनों हाथों को जोड़कर प्रणाम करते है , इसी तरह सूर्य नमस्कार करने की विधि भी अलग है।
सूर्य नमस्कार कैसे किया जाता है - सूर्य नमस्कार करने की विधि
जैसा की बताया गया की सूर्य नमस्कार एक योग है , सूर्य नमस्कार अपने आप में संपूर्ण योगासन है।
सूर्य नमस्कार में 12 योगासन किया जाते है क्रम व क्रम , वो आसान इस प्रकार है
सूर्य नमस्कार के १२ आसन | 12 Steps of Surya Namaskar in Hindi:
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प्रणाम आसन | Prayer pose
--आँख बंद करके और दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं और देवता सूर्य का ध्यान करें
हस्तउत्तानासन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
--अच्छी तरह से सांस भरकर अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं , हाथों को कान से सटाकर पीछे की तरफ झुकाएं
हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
--अब सांस को बाहर निकालते हुए अपने दोनों हाथो गर्दन एवं कमर को आगे की तरफ झुकाते हुए अपने दोनों पैरों के सामने की जमीन को स्पर्श करें , ध्यान रहे की दोनों घुटने सीधे रहे , माथा दोनों घुटनो को स्पर्श करें।
अश्व संचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
--सांस को शरीर में भरते हुए बाएं पैर को अपने पीछे की ओर ले जाएं एवं छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें
पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
--सांस को अब धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए दाएं पैर को भी अब पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां एकसाथ मिली हुई होनी चाहिए । पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को धरती पर मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं
अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)
--सांस भरते हुए सीधा साष्टांग दण्डवत प्रणाम करें और पहले घुटने, छाती और माथा धरती पर टिका दें। नितम्बों को थोड़ा ऊपर उठा दें। सांस को छोड़ दें
भुजंग आसन |Bhujangasana (Cobra pose)
--धीरे-धीरे सांस को भरते हुए छाती को आगे की ओर खींचते हुए हाथों को सीधे कर दें। गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं। घुटने को धरती का स्पर्श करते हुए पंजे पर खड़े रहें।
पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
--सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां आपस में मिली हुई होनी चाहिए । पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को धरती पर मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं
अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
सांस को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें
हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं धरती को छुएं । घुटने एकदम सीधे रहने चाहिए । माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे 'मणिपूरक चक्र' पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।
हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
सांस भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं
प्रणाम आसन | Prayer pose
यह आसान पहले आसान की तरह ही होगा
प्रत्येक आसान को करतेहुए एक मंत्र का भी जाप करना चाहिए , सूर्य नमस्कार में १२ मन्त्र बताये गए जो की हर क्रम के साथ हैं
**सूर्य नमस्कार के 12 मंत्र कौन से हैं **
ॐ मित्राय नमः। Om Mitray Namah
ॐ रवये नमः। Om Ravaye Namah
ॐ सूर्याय नमः। Om Suryay Namah
ॐ भानवे नमः। Om Bhanve Namah
ॐ खगाय नमः। Om Khagay Namah
ॐ पूष्णे नमः। Om Pushne Namah
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः। Om Hiranygarbhay Namah
ॐ मरीचये नमः। Om Marichye Namah
ॐ आदित्याय नमः। Om Adityay Namah
ॐ सवित्रे नमः। Om Savitre Namah
ॐ अर्काय नमः। Om Arkay Namah
ॐ भास्कराय नमः। Om Bhaskaray Namah
सूर्य नमस्कार कब करना चाहिए - सूर्य नमस्कार करने का सही समय
सूर्य नमस्कार प्रातः जल्दी उठकर खाली पेट करना चाहिए
**सूर्य नमस्कार से क्या फायदा होता है -सूर्य नमस्कार के फायदे **
ऐसा बताया गया है सूर्य नमस्कार एक ऐसा योग एवं व्यायाम है जो की संपूर्ण योग एवं व्यायाम का फल देता हैं , यदि किसी के पास वक्त की कमी हो तो वो केवल रोज सूर्य नमस्कार करके ही सम्पूर्ण शरीर को चुस्त एवं दुरुस्त रख सकता है । इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है।
1 सूर्य नमस्कार करने से पाचन सम्बन्धी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं
2 सूर्य नमस्कार करने से पेट काम होता है
3 सूर्य नमस्कार करने से मन चुस्त रेहता है जिससे सारी चिंताएं दूर होतीं हैं
4 सूर्य नमस्कार करने से डिटॉक्स करने में मदद मिलती है
5 सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन आता है
6 सूर्य नमस्कार करने से रीढ़ की हड्डी शक्तिशाली बनती है
7 सूर्य नमस्कार करने से मासिक धर्म रेगुलर रहता है
8 सूर्य नमस्कार करने से बजन काम करने में मदद मिलती है