उसे मारने आया राम बौना लगे बौना पूरा सहर
दशहरे के मौके पे एक पुतला का अजीब सा कहर
मारे न मरे रावण कभी किसी दशहरे में
हर सहर हर गली में मौजूद जिन्दा इंसानों में
रावण से ये गुस्सा कैसा की हर साल जलाया जाता है
क्यूँ किसी को राम बनने का खयाल कभी नही आता है