सऊदी अरब के अधिकांश नागरिक सरकारी नौकरी करते हैं जबकि स्थानीय लोग निजी क्षेत्र के कई कामों में रुचि नहीं लेते हैं. जिसके चलते देश में निजी नौकरियों में जबरदस्त मांग रही है. लेकिन अब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नई नीतियों के बाद भारत और फिलीपींस के कामगारों के लिए संकट पैदा हो रहा है.
अपने देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए सलमान नीतियों में कई तरह के बदलाव कर रहे हैं. अपने नागरिकों के लिए उन्होंने नई नौकरियां पैदा करने की कोशिशें की हैं. सऊदी में रसोई, निर्माण और स्टोर काउंटर्स के पीछे काम करने वालों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं.
नई नीतियों में तय किया गया है कि देश की निजी और विदेशी कंपनियों को सऊदी के आम नागरिकों को नौकरी देना अनिवार्य होगा जबकि यही काम पिछले काफी दशकों से भारतीय और फिलीपिंस करते आए है. इस साल सितंबर से ही वह कंपनियों पर सऊदी नागरिकों को नौकरी देनें का दबाव बना रहा है.
इसका सीधा असर भारतीय कामगारों पर जो की सेल्समैन बेकरी फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स में काम करते है पर पड़ेगा. इसके आलावा सऊदी ने विदेशी कामगारों के लिए वीजा भी महंगा करने जा रहा है. इसके अनुसार सऊदी में निजी कम्पनी ने अगर स्थानीय नगरिकों की तुलना में विदेशी कामगार को रखा तो उसे जुर्माना देना होगा.
ऐसे में भारत और फिलीपींस से नौकरी के लिए गए लोगों की वतन वापसी करना होगा. पिछले दिनों शाही फरमान के बाद ज्वैलरी क्षेत्र में काफी बदलाव आए थे. उद्योग से संबंधित जरूरतों तक का स्थानीय लोगों को पता नहीं था. जिसके बाद उन्हें भारतीय लोगों ने प्रशिक्षण भी दिया इसके बावजूद वह कंपनी के हिसाब से काम नहीं कर पा रहे हैं.
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