जरूर लगवाएं~ हरियाणा के 77 लाख बच्चों को लगेगा एमआर का टीका
**25 अप्रैल से अभियान होगा शुरू, 5375 एएनएम को फील्ड की जिम्मेदारी सौंपी, सिविल अस्पतालों में चलेगा रात-दिन टीकाकरण
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जिलावार इतने बच्चों को लगेगा
टीका
जिला>>बच्चे
पानीपत>>312097
पंचकूला>>155934
रेवाड़ी>>262094
भिवानी-चरखी दादरी>>413156
अंबाला>>382000
फरीदाबाद>>793633
गुरुग्राम>>403885
हिसार>>409755
झज्जर>>249875
जींद>>430279
कैथल>>312751
करनाल>>458369
नारनौल>>231220
नूंह>>492648
पलवल>>447181
रोहतक>>262094
सिरसा>>336238
कुरुक्षेत्र>>261569
फतेहाबाद>>275147
पलवल>>447181
यमुनानगर>>345244
मीजल्स (खसरा) और रूबेला (जर्मन खसरा) टीकाकरण अभियान के तहत केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 तक दोनों बीमारियों का उन्मूलन करने का लक्ष्य तय किया है।
राष्ट्रीय मिशन के तहत हरियाणा के सभी जिलों में 25 अप्रैल से 76,84,318 बच्चों के लिए एमआर टीकाकरण की कवायद शुरू होने जा रही है। पांच सप्ताह तक दिन-रात चलने वाले अभियान के दौरान 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को उक्त बीमारियों से बचाव का फ्री टीका लगाया जाएगा।
इसके लिए डॉक्टर, स्टाफ नर्स और एएनएम को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
एक सर्वे के मुताबिक विश्व में खसरे व रूबेला के लगभग 36 फीसद मामले भारत में पाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष देश में खसरा व रूबेला से पीड़ित करीब 50 हजार बच्चों में मृत्यु हो जाती है। अभियान का उद्देश्य मीजल्स और रूबेला के कारण 0-5 साल के लगभग 10 फीसद बच्चों की मृत्यु दर कम करना है।
हरियाणा में अभियान के पहले दो सप्ताह के भीतर कक्षा 10 तक के सभी स्कूलों को कवर किया जाएगा। अगले दो सप्ताह आंगनबाड़ी केंद्रों, शेल्टर हाउस, अनाथ आश्रम आदि स्थानों पर जाकर बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
अंतिम सप्ताह में टीम हाई रिस्क एरिया, ईंट भट्ठा और कंस्ट्रक्शन साइटों पर जाकर बच्चों को टीका लगाएगी। जिला स्तरीय अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में स्टाफ नर्स बच्चों को टीका लगाएगी।
वहीं फील्ड की जिम्मेदारी 5375 एएनएम को सौंपी गई है। एक टीम में चार सदस्य रहेंगे, सुपरवाइजर निगरानी रखेगा।
तेज बुखार होना, ग्रंथियों में सूजन, जोड़ों व सिर में दर्द, खुजली होना, भूख न लगना, चिड़चिड़ापन, आंखों में सूजन और लाल होना आदि बीमारी के लक्षण हैं।
प्राइवेट अस्पतालों में टीका महंगा
प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण खर्च महंगा (लगभग दो हजार रुपये) होने से असंख्य दंपती अपने बच्चों को टीका नहीं लगवा पाते। ऐसे में मीजल्स-रूबेला उन्मूलन की दिशा में यह सरकार का बड़ा कदम है।
बेटियों का टीकाकरण जरूरी 1रूबेला निदान का टीका लड़कियों को 13-14 वर्ष की उम्र में लगना चाहिए।
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