' श्री अटल बिहारी वाजपेय ' हमारे बीच नहीं रहे।

in partiko •  6 years ago 

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जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई।
मौत की उमर क्या है ! दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं !!
तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ, सामने वार कर फिर मुझे आजमा।
मौत से बेखबर, जिंदगी का सफ़र, शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।
बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।
प्यार इतना परायों से मुझको मिला, न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए, आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है, नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है।
पार पाने का क़ायम मगर हौसला, देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई।

अटलजी के ये अमर शब्द हमेसा हमारे कानो में गूंजते रहेंगे।

भारत की राजनीती को एक नया नजरिया देने वाले हमारे पूर्व प्रधान मंत्री जी को आज हम समस्त भारतवासी सजल आँखों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, उनके चिर शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं।

ॐ शांति

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Salute to you Sir ji

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@booster I sent 4 steem yesterday and didnt get an upvote. Please help.

Same problem.. If u refunded info me

RIP Sir!! :(
Your work will be remember by the nation!!