'दोस्त मुद्दतों बाद मिले.... सबको कुछ ना कुछ कहना था... मगर सुनता .........

in poem •  3 years ago 



'दोस्त मुद्दतों बाद मिले.... सबको कुछ ना कुछ कहना था... मगर सुनता कौन किसकी.. सबकी अपनी कहानी थी|

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