'उसने कितनी ही प्रेम कविताएँ लिखीं चढ़कर उपमाएँ दी फिर भी उसने............

in poem •  3 years ago 



'उसने कितनी ही प्रेम कविताएँ लिखीं चढ़कर उपमाएँ दी फिर भी उसने किसी रिश्ते के लिए; प्रेम को शर्त नहीं बनाया क्योंकि, वह जानता था कि प्रेम की शर्त समाज से प्रेम को ख़त्म कर देगी|

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