तलाश करो ...

in poem •  8 years ago 

खुद में खो कर मुझे तलाश करो
अपने अन्दर मुझे तलाश करो

आसमान का तारा नहीं हूँ
इस ज़मीं पर मुझे तलाश करो

नदी या पानी में नहीं हूँ
अपने खून में मुझे तलाश करो

मैं हरदम कहीं हो जाऊँ गायब
तुम बार बार मुझे तलाश करो

अपने हाथों गँवा चुके हो तुम मुझे अब
ज़िन्दगी भर मुझे तलाश करो

तलाश करो मुझे तलाश करो
इस तलाश का अंत कभी नहीं होने है वाला
तलाश ही करते रहो
कहीं अगले जन्म में मिल जाऊँ...

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Very interesting