बस एक वही चेहरा याद आता है, दिल का एक अनकहा रिश्ता दिल से जुड़ जाता है

in poetry •  7 years ago 


पेहली नज़र में भी प्यार होता है
दिल का चैन अक्सर यूँ ही खोता है
अनजानी आँखे जब किसी पे रुक जाती है
अक्सर दिल के अंदर वोह झाँक जाती है
धड़कने यूँ ही दिल की बढ़ जाती है
भीड़ में भी तब किसी की याद सताती है
चैन दिल का खो जाता है
बस एक वही चेहरा याद आता है
दिल का एक अनकहा रिश्ता दिल से जुड़ जाता है
पेहली नज़र में जब प्यार हो जाता है
एक पल मे अजनबी दिल का मलिक बन जाता है
आँखे बस वोह अजनबी आँखे ढूंढ़ती है
पिया से मिलने का बस वोह बहना ढूंढ़ती है
जिया को सुकून तब आता है
जब आँखो के सामने उनका चेहरा आता है
दिल से दिल का बस एक रिश्ता जुड़ जाता है

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