एक शे'र

in pramesh •  4 years ago 

एक शे'र

जिसको जो चाहे बख़्श दे है इख़्तियार उसे ,
मर्गो-हयात कब भला इन्साँ के बस में है ।

                                          राकेश 'नादान'

मर्गो-हयात----- मौत और ज़िंदगी

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