एक शे'रrakeshnaadaan (46) in pramesh • 4 years ago एक शे'र जिसको जो चाहे बख़्श दे है इख़्तियार उसे , मर्गो-हयात कब भला इन्साँ के बस में है । राकेश 'नादान' मर्गो-हयात----- मौत और ज़िंदगी pramesh tyagi