दोस्तो, मतला एक शे'र आपके हवाले
किसी की आँख के आँसू कहाँ हैं पोछने वाले
मिले हर मोड़ पे पर तितलियों के नोचने वाले
न रिश्तों में बचीं गर्माहटें बीते दिनों की अब
हुआ ये क्यों कभी तो सोचिए ऐ सोचने वाले
दोस्तो, मतला एक शे'र आपके हवाले
किसी की आँख के आँसू कहाँ हैं पोछने वाले
मिले हर मोड़ पे पर तितलियों के नोचने वाले
न रिश्तों में बचीं गर्माहटें बीते दिनों की अब
हुआ ये क्यों कभी तो सोचिए ऐ सोचने वाले