Hindi dohe

in prameshtyagi •  7 years ago 

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आज कल मोसम गर्मी का है गर्मी पर कुछ दोहे :-

सूरज लाठी भाँजता घायल हुआ जहान ।
बिना सर्च वारंट के लपट करे हैरान ।।

गली मोहल्ले मौन हैं सूरज का आतंक ।
गर्मी ऐसी चुभ रही ज्यों बिच्छू के डंक ।।

धमकाता सूरज फिरे दे मूछों पर ताव ।
गर्मी का सागर बहे चले लपट की नाव ।।

सूरज की दादागिरी शहर गाँव सब मौन ।
ऊपर तक उसकी पहुँच रपट लिखेगा कौन ।।

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