ऐसे ही जोर नहीं लगा रहे राहुल, 15 साल से मोदी के गुजरात में लगातार बढ़ रहा कांग्रेस का ग्राफ

in rahulgandi •  7 years ago 


गुजरात की सत्ता से कांग्रेस 22 साल से बाहर है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सत्ता के इसी वनवास को खत्म करने के लिए गुजरात के सियासी रणभूमि में उतरे हैं. कांग्रेस गुजरात को फतह करने के लिए जातिय समीकरण से लेकर हर सियासी आजमाइश करने में जुटी है. पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो साफ है, कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और बीजेपी का घट रहा है. पर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने के लिए कांग्रेस को 92 सीटों का पहाड़ जैसा लक्ष्य हासिल करना है, जो किसी लोहे के चने चबाने जैसा है.

बीजेपी की सबसे ज्यादा सीटें लेकिन...

गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटे हैं. विधानसभा सीटों के आकड़े की बात करें तो कांग्रेस ने 2002 के चुनाव के बाद हर बार अपना ग्राफ बढ़ाया है. 2002 में गुजरात दंगे के बाद हुए विधानसभा चुनाव में 181 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने प्रंचड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की. बीजेपी को 2002 में 127 सीटें और कांग्रेस को 50 सीटें मिली. बीजेपी का अब तक सबसे बेहतर नतीजा भी यही रहा.

कांग्रेस का बढ़ता ग्राफ

गुजरात में 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें घटी और कांग्रेस की बढ़ी. 2007 में बीजेपी को 117, कांग्रेस को 59 और अन्य को 6 सीटें मिलीं. 2012 के विधानसभा चुनाव में एक बार बीजेपी को झटका लगा और 2007 की तुलना में उसे दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा और कांग्रेस को 2 सीटों का फायदा हुआ. 2012 में बीजेपी को 115, कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली. इस तरह कांग्रेस के पिछले 15 सालों के नतीजों को देखें तो साफ पता चलता है कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ा है.

कांग्रेस के पास है ऐतिहासिक जीत का रिकॉर्ड

गुजरात में कांग्रेस को आखिरी बार बड़ी जीत लोकसभा चुनाव 1984 और विधानसभा चुनाव 1985 में मिली थी. कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में गुजरात की 26 में से रिकॉर्ड 24 सीटें मिली थीं, तो विधानसभा की 182 में से रिकॉर्ड 149 सीटें हासिल हुई थीं. इसके बाद से कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता गया और 1995 में तो गुजरात की सत्ता से ही बाहर हो गई. गुजरात के पिछले कुछ चुनाव में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस उन्नीस ही साबित हुई. लेकिन बीजेपी कांग्रेस के 1985 के आकड़े तक अभी तक पहुंच नहीं पाई है. बीजेपी अध्यक्ष ने इस बार 150+ सीट जीतने का लक्ष्य रखा है.

बीजेपी 15 फीसदी से 48 फीसदी तक

गुजरात में कांग्रेस 2001-02 में नरेन्द्र मोदी के आगमन के बाद और कमजोर होती चली गई. मोदी का कद इस कदर बढ़ा कि उनके आगे कांग्रेस बौनी साबित हुई. कांग्रेस 1985 में 55.6 फीसदी वोट से गिरकर 2012 में 38.9 फीसदी तक पहुंच गई है. जबकि बीजेपी का ग्राफ 15 फीसदी से बढ़ते हुए 48 फीसदी तक पहुंच गया है. पिछले तीन चुनावों में, ये 48-50 फीसदी के बीच रहा है. 2002 के चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 49.9 फीसदी वोट मिले हैं.

पांच फीसदी वोटों से बदल जाएगा सत्ता का समीकरण

कांग्रेस 1990 में 30.7 फीसदी वोट पर आकर सिमट गई थी. लेकिन पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आकड़े को उठाकर देखें तो कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ा है. कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 2012 में इसे 39 फीसदी तक पहुंचाया. औसतन बीजेपी और कांग्रेस के बीच 10 फीसदी वोटों का अंतर रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी का वोट 5 फीसदी घटता है और कांग्रेस का बढ़ता है तो गुजरात का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल जाएगा. क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला होता नजर आ रहा है.इस बार कांग्रेस ने जातिय समीकरणों को साधकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी की है और इसलिए टीम मोदी उतनी आश्वस्त भी नहीं दिख रही.

Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  

Hi! I am a robot. I just upvoted you! I found similar content that readers might be interested in:
http://aajtak.intoday.in/story/gujarat-assembly-election-2017-congress-rahul-gandhi-narendra-modi-bjp-tpt-1-960454.html