मेरे विचार

in satrak •  2 years ago 

अगर आप किसी को वास्तव में जानना चाहते हैं तो साधारण परिस्थितियों में बिल्कुल भी नहीं जान सकते व्यक्ति की वास्तविक पहचान उसके क्रोध के समय होती है ऐसे में व्यक्ति का असली चेहरा उजागर हो जाता है।
सामान्य परिस्थितियों में तो व्यक्ति नक़ली बनकर बेवकूफ बनाने का सारा चाल चरित्र कुटरचित कर लेता है।
हर व्यक्ति कहीं न कहीं दोहरा चरित्र लेकर चल रहा होता है अगले को कितना दिखाना है और कितना छिपाना है ये सिर्फ उसे और उसके दिमाग को पता होता है।
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