ये मेरे स्टीम टीम के परिवार के लिए जिन्होने मुझसे पूछा है कि क्या मै भारतीय हूँ,
हाँ मै भारतीय हूँ मेरे लिए ये सौभग्य की बात है मुझे भारतीय होने का गौरव मिला !
मुझे जब जब जन्म मिले बार बार मै भारत की ही भूमि पर ही आऊँ.
जो भरा नही है भावों से जिसमे जीवन की रसधार नही ,
वो ह्रदय नही वो पत्थर है जिसमे स्वदेश का प्यार नही ! जय हिन्द !
आज शिव के १०८ नामों को अर्थ सहित आप सबको बताते हैं !
परमेश्वर--जो सबसे परे ईश्वर---.शिव-
१ --महादेव -देवतओं में महान,
२--विरुपाक्ष --विकराल नेत्रोंवाले,
३--चंद्रार्धकृतशेखर --मस्तक पर अर्धचंद्रधारणकरनेवाले,
४--अमृत --अमृतस्वरुप,
5--शाश्वत--सनातन,
६--हरःभक्तों के पाप ताप हरने वाले,
७--पुष्कर -आकाश स्वरूप .
८--पुष्पलोचन -पुष्प के समान खिले नेत्र वाले,
९ -शम्भु -कल्याण निकेतन ,
१०-चंद्रमोली-सिर पर चन्द्रमा का मुकुट धारण करने वाले,
११-त्रिलोचन -सूर्य,चन्द्रमा ,और अग्नि रूप तीन नेत्रों वाले,
१२-स्थाणु --समाधिस्थ होने पर ठूंठ के सामान स्थिर,
१३- नीलकंठ--गले में नील चिन्ह धारण करनेवाले,
१४- पिनाकी--पिनाक नामक धनुष धारण करनेवाले,
१५--वृषभाक्ष--वृषभ के नेत्र सरीखे विशाल नेत्रोंवाले,
१६--महाज्ञेय--महान रूप से जानने योग्य,
१७--पुरुष --अन्तर्यामी,
१८--सर्वकामद-सम्पूर्ण कामनाओ को पूर्ण करनेवाले,
१९--कामारि--कामदेव के शत्रु,
२०--कामदहन --कामदेव को दग्ध कर देनेवाले,
२१--कामरूप -इक्षानुसार रूप धारण करनेवाले,
२२--कदर्पी --विशाल जटाओं वाले,
२३-विरुप--विकराल रूपधारी,
२४-गिरीश -गिरिवर कैलाश पर शयन करनेवाले,
२५-भीम -भयंकर रूपवाले,
२६-रक्तवासा--लाल वस्त्रधारी,
२७-योगी--योग के जानने वाले,
२८-कालदहन-कल को भस्म करने वाले
२९- त्रिपुरघन-त्रिपुरों का संहार करने वाले
३०-कपाली -कपाल धारण करने वाले,
३१--गूढ़ व्रत -जिनका व्रत प्रकट नहीं होता ,
३२-गुप्त मन्त्र -गोपनीय मंत्रों वाले,
३३-गंभीर -गंभीर स्वाभाव वाले ,
३४-भावगोचर-भक्तों के भावना के अनुसार प्रकट होने वाले,
३५- वीर- बलशाली ,
३६-घोर-दुष्टों के लिए भयंकर ,
३७-विरूप - विकट रूपधारण करने वाले,
३८-पटु--निपुण ,
३९-भैरव -कालभैरव स्वरुप ,
४०-सत्य- सत्यरूप ,
४१-राजः -रजोगुणरूप,
४२-भानू -सूर्यस्वरूप ,
४३-जटिल -जटाधारी ,
४४-शिव -कलयाण स्वरुप,
४५-अर्धनारीश्वेर-आधा स्त्री का रूप धारण करने वाले ,
४६-यज्ञ -यज्ञस्वरूप,
४७-यज्ञपति -यज्ञएश्वेर,
४८-रूद्र-संहारकर्ता,
४९-ईशान -ईश्वर ,
५०-वरद-वरदाता,
५१-धर्म -धामस्वरूप,
५२-अहेतुक -हेतुरहित,
५३-चण्ड-प्रचंड पराक्रमी ,
५४-चण्डीश-चंडी के पति,
५५-भूतनाथ -भूतगणों के स्वामी,
५६-भूतेश्वर -भूतों के अधिपति,
५७-शुद्ध-परम् पावन,
५८-भस्मांग -शरीर में भस्म रमानेवाले ,
५९-वेताल -वेतालस्वरूप ,
६०-दृढ़-कभी न विचलित होने वाले ,
६१-विश्वरूप -जगत्स्वरूप,
६२-वागीश-वाणी केअधिपति,
६३-ईश -स्वामी,
६४-तमोहर - अज्ञान अंधकार को दूर करने वाले ,
६५-गोप्ता-रक्षक ,
६६-ब्रह्मा-सृस्टिकरता, ,
६७-दुर्वासा -दुर्वासा मुनिस्वरूप ,
६८ -पुरशासन-तीन मायामय असुर पुरो का दमन करने वाले ,
६९ -कुबेरबंधु -कुबेर को अपना मित्र माननेवाले,
७०-मृदु- कोमल स्वभाव वाले,
७१-कोदंडी -धनुर्धर ,
७२-नीलकंठ -गले में हाला हल विष धारण करने वाले,
७३-सुरेश - देवताओं के स्वामी ,
७४-धर्म धाम -धर्म के आश्रय ,
७५-दाता-दानी ,
७६-उग्र -संहार कल में भयंकर रूप धारण करने वाले,
७७-दयाकर -दयानिधान ,
७८-उत्तर-संसार सागर से पर उतारने वाले ,
७९-पुरातन -सबसे पुराने ,
८०-नीति -न्याय स्वरूप ,
८१-सोम -उमासहित,,
८२-सोमरत-चन्द्रमा पर प्रेम करने वाले ,
८३-सुखी -आनंद से परिपूर्ण ,
८४-अमृतप: -अमृत का आस्वादन करने वाले
८५-महातेजा: -महा तेज से सम्पन्न ,
८६-सुधापति -अमृत के पालक,
८७-आलोक -प्रकाश स्वरूप ,
८८-लोककर: -जगत के स्रष्टा,
८९-सनातन-नित्य स्वरूप,
९०-भूदेव: -पृथ्वी के देवता,
९१-स्वर्ग:-सर्व व्यापी ,
९३-कांत:-परम् कमनीय ,
९४-समावर्त:-संसार चक्र को घूमने वाले ,
९५-आश्रम -सबके विश्राम स्थान ,
९६-दम:-दमन स्वरूप,
९७-वीतराग:-पूर्णतया विरक्त,
९८-तपस्वी -तपस्या परायण,
९९-केतु :-केतु नामक ग्रह स्वरूप,
१००-अज:- अजन्मा ,
१०१-अनध:-पाप रहित,
१०२-प्रेत चारी - प्रेतों के साथ भर्मण करने वाले,
१०३-श्री मान-ऎश्वर्यवान,
१०४-नियतात्मा-मन को वश में रखने वाले ,
१०५-जनक-सबके उत्पादक ,
१०६-नृत्य प्रिय -नृत्य के प्रेमी ,
१०७-बुध:-ज्ञानवान,
१०८-दुर्जय:-जिसको जितना कठिन है
(शिव पुराण से )(vishnu )द्वारा पठित शिव सहस्त्र नाम से