इंतजार था बहुत दिनों से,
कब ये बदल आयेंगे,
साथ में बारिश लायेंगे,
हम अपनी छत पर जायेंगे,
जी भर कर आंसू बहाएंगे,
जोर जोर से चिल्लाएंगे,
गम सारे अपने मिटाएंगे।
देखो बादल आ गए,
हम अपनी छत पर आ गए,
आंसू बहुत बहा लिए ,
जोर जोर से चिल्ला लिए,
गम भी सारे मिटा लिए।
इतना सब कुछ कर लिया,अब क्या ही और कर पाएंगे,
सोचा था वापस आओगी, तो पहले जैसे वक्त बिताएंगे,
साथ बैठेंगे, हसेंगे, वक्त बिताएंगे,
तुम चाहती मांफी हो मगर, अब माफ तो नहीं कर पाएंगे ,
इतना सब कुछ करने पर भी तुम चली गई हो दूर तलक ,
इतना सब कुछ करने पर भी तुम चली गई हो दूर तलक,
क्या बोला? अब चाहती हो मर जाएं हम,
अब चाहती हो मर जाएं हम,जैसे तुमने मुझे छोड़ा वैसे अपनी मां को अकेला कर जाए हम।
तुम प्यारी थी मुझे बहुत, लेकिन माफ करना ,तुम जैसी के लिए अपनी मां को धोका नहीं दे पाएंगे।