सोमवार व्रत कथा और आरती शिवजी की आरती
सोमवार व्रत कथा:
सोमवार का व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस व्रत का उद्देश्य भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। यह व्रत हर माह के पहले सोमवार को किया जाता है।
कथा:
एक बार एक धनवान व्यक्ति था जो बहुत अमीर था, लेकिन उसके पास संतुष्टि नहीं थी। वह धन के माध्यम से खुश नहीं हो पाता था। एक दिन उसने एक ब्राह्मण से सोमवार के व्रत के बारे में सुना और उसे करने का फैसला किया। उसने व्रत की पूजा के लिए अपनी समस्त संपत्ति को समर्पित कर दिया।
उसने बहुत समय तक सोमवार का व्रत मानते हुए भगवान शिव की पूजा की। उसके सत्कार्यों के कारण उसे भगवान शिव की कृपा मिली और उसके सभी दुःख और संकट दूर हो गए।
आरती शिवजी की आरती:
जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा॥
ओं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽम