Subh navratrishashiprabha (66) in shubh • last year स्वयं कि क्षमताओं पर, स्वयं के प्रयासों पर...और... स्वयं पर भरोसा रखो, दुनियाँ कि कोई भी चीज ऐसी नही, जो मनुष्य के प्रयासों से बड़ी हो ...! जिन रिश्तों को आपकी मौजूदगी से परहेज़ होने लगे तो वहां से मुस्कुराकर चले जाना ही बेहतर होता है...! shubh navratri