Think Before Smile

in smile •  3 years ago 

Hello Dear Friends
How are you ? I hope you will be fine.

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"मुस्कुराना अच्छा है, परंतु सोच समझकर मुस्कुराएँ। कहीं लेने के देने न पड़ जाएं।"
यदि कोई व्यक्ति मुस्कुराए, और आप उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखें, तो आप भी प्रसन्न हो जाएंगे।
बहुत विचित्र वस्तु है यह 'मुस्कुराहट'। सबको प्रसन्न करती है, सुख देती है। मुस्कुराते व्यक्ति को देखकर मूड अच्छा हो जाता है। उसे देखने वाला व्यक्ति भी प्रसन्न हो जाता है। उसके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। जिसकी सहायता से वह उत्साह पूर्वक उल्लास पूर्वक अपने सारे काम करता है। उसका दिन अच्छा बन जाता है। फिर उसके मुस्कुराते चेहरे को दूसरे लोग देखते हैं। उनकी भी प्रसन्नता बढ़ जाती है। इससे इस व्यक्ति को पुण्य मिलता है। क्योंकि उसका मुस्कुराता चेहरा देखकर, उससे दूसरों की खुशी बढ़ जाती है। दूसरों की खुशी बढ़ाना अच्छा काम है। इस कारण इसे पुण्य मिलता है।
वैसे यह मुस्कान है तो बहुत अच्छी। परंतु साथ ही साथ बड़ी विचित्र भी है। "अजीब पहेली है यह। जितना दिखाती है, उससे कहीं अधिक छिपाती है।"
यदि आप पहले से मुस्कुरा रहे हैं, और आपको मुस्कुराते हुए कोई दूसरा व्यक्ति देखे, तो वह प्रसन्न हो जाएगा। परंतु इसके विपरीत, यदि किसी व्यक्ति को आपने देखा, और उसने आपको देखा। उसका चेहरा सामान्य था। और उसे देख कर आपने कुछ टेढ़ी मुस्कुराहट अपने होठों पर बिखेर दी। अब तो यह रहस्यमय हो जाएगी।
अब इसका उल्टा प्रभाव पड़ेगा। अब यह आपकी मुस्कुराहट उसको प्रसन्न नहीं करेगी, बल्कि संशय में डाल देगी। वह सोचेगा, कि "मुझे देखकर यह व्यक्ति टेढ़ी मुस्कुराहट क्यों फैला रहा है। जरूर इसके मन में कुछ गड़बड़ है।"
ऐसी स्थिति में वह आपसे नाराज हो सकता है। दुखी हो सकता है। अपमानित अनुभव कर सकता है। वह क्रोधित होकर आपसे झगड़ा कर सकता है, आपकी पिटाई तक कर सकता है।
इसलिए सामान्य रूप से मुस्कुराना अच्छा है। परन्तु "मुस्कुराते समय जरा सावधानी से मुस्कुराएं। कहीं ऐसा न हो, कि लेने के देने पड़ जाएँ।"
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