रसोई में चाय बनाती रश्मि की नज़र खिड़की के पल्ले के पीछे दुबकी चिड़िया पर पड़ी तो वह मुस्कुरा दी। नन्ही सी चिड़िया अपने पंख समेटे टुकुर टुकुर उसे ही ताक रही थी। कितनी मासूम लग रही है शायद अभी सो कर उठी ही है थोड़ी देर में विराट आसमान में पंख फैला कर उड़ जाएगी।
माँ, बेटी नीतू की आवाज़ से रश्मि चौङ्कि अरे आज मेरा बेटा इतने जल्दी उठ गया। रश्मि की दो साल की बेटी नीतू बेहद प्यारी मासूम सी उठ कर उसकी गोद में दुबक गई।
"चलो उठो ब्रश करो फिर मेरा बच्चा दूध पियेगा फिर नहाई नहाई करेगा "कहते हुए रश्मि रसोई में दूध लेने चली गई। खिड़की पर चिड़िया अभी भी दुबकी बैठी थी। वह मुस्कुरा दी लगता है आज चिड़िया को भी आलस आ गया।
रश्मि को आज जल्दी ऑफिस जाना था वह नीतू को जल्दी तैयार कर क्रेच में छोड़ना चाहती थी पर यह क्या नीतू दूध पी कर फिर बिस्तर में दुबक गई। उसे प्यार से मनाते बहलाते भी रश्मि खीज गई लेकिन आज ना जाने नीतू को क्या हुआ वह बिस्तर से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं थी। ऑफिस के तनाव में रश्मि ने नीतू को एक थप्पड़ लगा दिया लेकिन फिर भी वह नहीं उठी बल्कि चादर से मुँह ढँक कर रोने लगी।
नीतू का टिफिन पैक करने के लिए जब रश्मि रसोई में गई उसका ध्यान फिर दुबकी चिड़िया पर गया। आज इसे क्या हो गया है यह उड़ क्यों नहीं रही ? रोज़ तो सुबह होते ही उड़ जाती है सोचते हुए उसने खिड़की से बाहर झाँका तो आसमान में दो कौवों को मंडराते देखा। अचानक चादर में दुबकी नीतू का चेहरा उसकी आँखों में कौंधा। वह जल्दी से कमरे में आई और नीतू को गोद में लेकर प्यार से पूछा कि उसे क्या हुआ है? मम्मी है ना उन्हें बताओ किसी ने कुछ कहा कुछ किया ? जिससे मम्मी सबक सीखा सकें। और जल्दी ही उस काले कौवे का नाम उजागर हो गया जो नीतू के दुबकने का कारण था।
नाइस
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