God's pain

in story •  6 years ago 

व्यर्थ खोज रहे हो मुझको गलियो में चौबारों में|

मंदिर में मस्जिद मे अब नहीं रहा गुरुद्वारों में|

व्यर्थ खोज ..............................

मुझे नहीं पता था कलयुग मेरा

ऐसे खेल दिखाएगा|

जर जोरू जमीन की खातिर

मनुज को खाएगा|

घट-घट का वासी हृद का वासी|

छोड़ चला अब करबत काशी|

माला-फूल लेकर क्यो लंबे खड़े कतारों में|

व्यर्थ खोज ..............................

जिस हृद में मै था पहले

अब कुटिल भावना करे निवास|

सोच रहा हूँ अब कहाँ हो

मेरा कोई नवीन आवास|

धन-यश दानी जीवनदानी|

बात ये मुझसे हुई पुरानी|

मै भी विवश हुआ रे मानव रहने को अंधकारों में|

व्यर्थ खोज ..............................

मानव कहना श्रेष्ठ कहाँ

अब तुलना है शैतानों से|

अघम निरंकुश कपटी दुष्ट

अनंत शुशोभित तानों से|

कह रहा आज विकृत समाज|

खत्म हो अब शैतनराज|

सावधान अब प्रलय आ रहा होगी धरा जलधारों में|

व्यर्थ खोज ..............................20180813_131125.png

Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  

Nice