5 जून 2 हज़ार 22 को अभिनेता सलमान खान के पिता सलीम खान जो अपने सुरक्षा बलों के साथ मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, टहलकर वापिस आ रहे थे। उसी बैन्स के पास जिस पर वो अक्सर थक कर हार कर बैठ जाते हैं। उससे पहले वहां पर एक पर्ची रखे हुए वो छोटी सी और उस पर्ची पर लिखा हुआ था कि सलीम खान सलमान खान बहुत जल्द हम आपका हाल फिर दो मुंह से वाले की तरह करने वाले सतर्क हो जाओ। सुबह जब ये पर्ची जैसे ही गार्ड सलीम खान को देता है तो वो देखकर हैरान थे। परेशान थे क्योंकि अभी 29 मई 2 हज़ार 22 की शाम को कुछ शूटरों ने दो मुसलमानों की गोली मार कर हत्या कर दी थी। कही न कहीं सलमान खान की जान को भी खतरा बना हुआ है और जब ये बात बांद्रा पुलिस स्टेशन के माध्यम से पूरे मुंबई पुलिस को पहुँचती है तो मुंबई में भी हड़कंप मच जाता है और पुलिस इस पर्ची वाले की तलाश में जुट जाती है। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर लॉरेंस के आदमियों ने सारी पर्ची डाली है। उससे पहले भी सलमान खान पर कई बार हमला करने की कोशिश की गई। कई बार रेकी करने की कोशिश की गई। वाकई गैंगस्टरों ने फिल्मी दुनिया से जुड़े कुछ लोगों की जिंदगी को जीना हराम कर दिया है। अब चाहे वो दुश्मनी के कई तरह के एंगल हो सकते हैं, वो आएंगे रंगदारी का भी हो सकता है तो वो एंगल किसी न किसी और दुश्मनी से भी जुड़ा हो सकता है। आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। ये कहानी सिद्धू मोतीवाला की है। उस दिन उसे क्या गलती हुई?
अब तक क्या हुआ है? बहुत सारी बातें हैं जिनपर मैं चर्चा करने वाला हूं। आदाब नमस्कार सतश्री अकाल। मैं उस्मान से आज की जो सच्ची घटना मैं आपको सुनाने जा रहा हूं कि सच्ची घटना है। पंजाब प्रदेश का एक जिला है। मनसा और इसी जिले का एक गांव लगता है। मूसा दरसल इसी गांव का रहने वाला सिद्धू जो कि पंजाबी बहुत बड़ा सिंगर रहा है, जिसके करोड़ों नहीं अरबों फैन कहे। एक एक वीडियो को सबसे ज्यादा मिलियंस लोग में देखते थे। पूरी दुनिया में विवाद बहुत ज्यादा मशहूर था। 29 मई 2 हज़ार 22 की शाम लगभग साढ़े 04:00 बजे के आसपास वो अपनी थार कार से अपने गांव के दो साथियों के साथ जैसे घर से निकले एक उनके साथ गांव का दोस्त गुरविंदर, दूसरा गुरप्रीत जैसे वो घर से निकल रहे हैं। लगभग आठ या 10 लड़के उनके घर के ठीक सामने खड़े हुए और वो लड़के बड़ी हसरत भरी नजर से उस थार की तरफ देखते हैं। जब हमारी तरफ देखते हैं तो कहीं न कहीं सिद्धू मुंह से वाला ही समझते हैं कि ये उनके फैन हैं और उनको देखकर वो अपनी गाड़ी को रोक लेते हैं। अमूमन वो ऐसे ही किया करते थे जब भी उनके फैन्स उन्हें दिखाई दिए और रुके उनके साथ सेल्फी ली और सेल्फी लेने के बाद फिर वो अपनी मंजिल की तरफ निकलने लगते हैं। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ था। आठ 10 लड़कों के बीच में से एक लड़का वो लगातार सेल्फी ले रहा है और सेल्फी लेने के बाद वहां से अलग हटकर फोन पर वही बातें करता है। ऐसा ही एक सीसीटीवी जब सोशल मीडिया पर वायरल होता है तब इस बात का लगभग एक
सप्ताह के बाद लोग पता चलता है कि उनके घर के सामने से जब निकलते हैं तो आज दफ्तर के सामने मौजूद थे। यहां से वो निकलकर जा रहे थे। अपने दो दोस्तों के साथ बरनाला में उनकी मौसी रहती हैं। अपनी मौसी का हाल लेने के लिए मौसी थोड़ी बुजुर्ग हैं। मौसी को बेइंतहा प्यार जो करते हैं मौसी का हालचाल जानने के लिए और जैसे ही उनकी गाड़ी जवाहर के गांव की तरफ पहुंचती है क्योंकि जो इनका गांव मूसा है वहां से बरनाला लगभग 14 किलोमीटर के आसपास से अभी इनकी गाड़ी आठ किलोमीटर आगे नौकरी के आसपास जवाहरके में गई थी कि अचानक से एक कोरोला कार आती है और कोरोला कार इनको ओवरटेक करने की कोशिश करती है तो ये आपस में बैठकर बातचीत कर रहे गुरप्रीत और इनके जो साथी हैं दूसरा इनके साथ बैठकर बातचीत कर रहे हैं। गुरप्रीत और गुरविंदर साथ ही सिद्धू मुंह से वाला सितम सहना कहता है कि मेरे फैन्स हैं और मेरे साथ सेल्फी लेने के लिए आए रहे हैं तो जब ये बातें वो आपस में कर रहे थे। अचानक ही वो कार कोरोला बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ती है और आगे चल कर ओवरटेक करती है और पीछे से एक और बुलेरो कार आती है और वो पीछे से उसको एक गोली मारने की कोशिश करती है। गोली एक नहीं फिर इसके बाद लगातार गोलियां चलती हैं और ऐसे हथियार जो रूसी हथियार बताए जा रहे हैं जिनसे एक मिनट में सैकड़ों गोलियां निकल सकती हैं और उन्हें टारगेट बनाकर जिस तरह से गोली चलाई। एक के बाद एक 30 गोली चलाते हैं। 30 में से 24 गोलियां सिद्धू मुसलमानों को लगती हैं और एक गोली उनके शरीर के अंदर रुक जाती है। बाकी की
सब गोलियां पार जाती हैं। उनके दोस्त बैठे हुए थे। दोस्त मामूली रूप से घायल हो जाते हैं। उनको उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा जाता है और जब लगातार खबर अखबार में छपने शुरू होती है तब जाकर जब ये बात सोशल मीडिया के माध्यम से जब लोग पुलिस को फोन करते हैं। पंजाब पुलिस को की इस तरह से पंजाबी सिंगर सिद्धू मुंह से बल्ले पर हमला हुआ है। उनकी हत्या कर दी गई है तो जाहिर सी बात है। हड़कंप मचना तय था अब। पुलिस अपने मामले में अपने इस स्तर पर इस पूरे प्रकरण प्रकरण की जांच पड़ताल में जुट जाती है और जब जांच पड़ताल सामने आती है तो वाकई कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं जिनको देखकर इनके सुनने के बाद वाकई हैरानी भी होती है। हैरानी कुछ इस तरह से जब सीधे मुंह से वाला अपनी मौसी के यहां जाने के लिए अचानक तैयार होता है और वो अपनी पहली मंजिल से उतरकर जब नीचे आ रहे थे तो उनका टारगेट था कि वो अपने पैरोकार से जाएं। पत्रकार शायद उनकी सुरक्षा के लिए ज्यादा मुफीद मानी जाती है, लेकिन जाकर जब उस कार के करीब पहुंचते हैं तो उस कार में टायर पंचर था और टायर पंचर सामान पूछा कि शायद इसकी हवा क्यों निकली हुई?
ये क्या बात है तो कोई बात नहीं क्योंकि उनके पास तो कई सारी लग्जरी लग्जरी गाड़ियां तो उनके लिए कोई दिक्कत नहीं थी और वो आगे बढ़ते हैं। उनके पास एक बुलेटप्रूफ फॉर्च्यूनर कार भी है। उस कार को उसके पास जाते हैं और बार बार एक ही आवाज लगाते हैं कि भई इस कार की चाबी कहां है। पूरे घर में आवाज़ लगाते लगाते, लेकिन वो चाभी उनको नहीं मिलती है तब उनके पास एक। अभी हाल ही में थार निकाली थी। महिन्द्रा की थार कार जो बहुत ज्यादा मशहूर हो चुकी है बड़े सारे लोग इसके रिव्यू भी आते हैं। उसी थार को लेकर फिर कोई बात में मौसी से तो मिलने जाना है। बड़े खुशमिजाज हालत में थे और अपने दोनों दोस्तों से कहते हैं। उन्हें बुलाते हैं कि क्या मौसी? जी हां जब मैं बस यूं गया और यूं आए शाम साढ़े 04:00 बजे के आसपास का वाकया है। फिर वो इसे थार को लेकर जैसे निकलते हैं, वो लड़के मिल जाते हैं और उसके बाद यहां से चलते हैं। लेकिन आगे ही कुछ चलने के बाद कुछ हमलावर इनके शूटरों पर हमला कर देते हैं और हमला भी इतना भयानक होता है। हालांकि वो बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि उनके पास हथियार थे। यूनियन की सितम से अलग बस अपना खुद का जो पिस्टल है वो यूएस का बना हुआ पिस्टल है जिसमें लगभग 15 गोलियां जाती हैं। लेकिन आज हिस्से से दो मुंह से वाला की पिस्तौल के अंदर कितनी गोलियां थी। महज तीन गोलियां थी। दो गोली चल जाती है। तीसरी उसके चेम्बर में जाकर अटक जाती है। आखिरकार जो हमेशा हथियारों से
लैस रहता है, उनके सुरक्षा गार्ड साथ रहते हैं। बुलेट प्रूफ गाड़ियां रहती हैं। वो व्यक्ति आज इतनी सारी एकसाथ लापरवाही कैसे कर सकता है। जब पुलिस इस मामले की जांच कर दिया। पड़ताल करती है तो जांच पड़ताल करने के बाद इससे पहले कि कुछ कह पाती तभी एक गोल्डी बलराज नाम का एक व्यक्ति है जो कनाडा में रहता है जो कि हिंदुस्तान के ही रहने हैं। जिसको हिंदुस्तान की पुलिस पंजाब की पुलिस से कानपुर की पुलिस तलाश कर रही है। एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल करतार कहता कि हम इस हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं क्योंकि इस व्यक्ति के मैनेजर ने हमारे भाई को विक्की बिन्दू खेड़ा को मरवाया है और विक्की मिट्ठू खेड़ा को और पसीने बहाने में इस व्यक्ति का हाथ रहा है। इसलिए हम इस व्यक्ति का क्या कुमार का हमने बदला लिया है। साथ ही एक मैच्योर बैरल होता है। गैंगस्टर लॉरेंस का एलिस लॉरेंस उम्र बहुत कम लेकिन कारोबार में बड़े बड़े खतरनाक एक दो नहीं। उसके गैंग में लगभग 700 लोग सास ससुर अनोखे गैंग गैंग में शामिल है, जिसमें 100 से ज्यादा शार्पशूटर हैं। शार्प शूटर की मैं आपको छोटे से किस्सा सुनाता हूं। बात का राज़ दो या तीन साल पुरानी बात है। एक वकील साहब अपने हाईवे से होते हुए टेंपो में बैठकर अपने चेम्बर की तरफ निकले थे तो और शूटर उनका पीछा कर रहे थे। उनके गांव से और जैसे इस टेम्पो के अंदर तीन लोग बैठे हैं। पीछे और एक ड्रायवर चला रहे लगभग 55 या फिर 50 की इस स्पीड रही होगी। टेम्पो की और जैसे ही इससे टेम्पो वाले को अपने मन मस्ती में मगन था। अपनी रफ्तार में चल रहा था
। बराबर में का पास से मोटरसाइकिल आती है और पास मोर्चरी में सवार दो व्यक्ति बताए जा रहे थे। उन दोनों ने देखा कि कौन कौन कहां बैठा है? मतलब की लोकेशन ली जाती है और उनका टारगेट था वो वकील बराबर में एक सवारी और बैठिए वकील के बराबर सवारी बैठी। फिर एक महिला बैठे हुए तीनों बैठे हुए बहुत ही सटा के उस पर जब गोली मारी जाती है तो वो गोली कहीं और नहीं लगती बल्कि उसी वकील को लगती है। जिस वकील को वो शूटर मारना चाहते थे, एक ही गोली मारते हैं और चलते चलते गाड़ी में से कन्फ्यूज़ हो जाता है कि उन्होंने जो मारा है बहुत सही जगह पर है। ये बच नहीं पाएगा। जाहिर सी बात है। गोली लगते वो गिर जाते लेकिन जब ये वाक्या वो टेंपो वाला बता रहा था तो टेंपो वाला बताते बताते बेहोश हो जाता है। क्यों उसे लग रहा था कि ये गोली बराबर वाली सवारी को लग सकती थी या फिर एक महिला बैठी थी। उसको भी लगते थे, लेकिन शार्प शूटर तो फिर शार्प शूटर ही क्यों कहा जाएगा। अगर गोली गलत जगह जगह लगी ठीक वैसे ही था जब से दो मुंह से वाला को 30 गोलियां मारी गई थी तो 30 बोरियों में एकाद गोली लगी होगी, जो उनके साथ बैठे होते। इनके गांव के लोग वकील ज्यादातर गोलियां सिद्धू समोसे वालों की ही लगी थी और उनमें टारगेट वही बताया जाता है कि बोनट पर चढ़कर जिस तरह से लगातार गोलियां चला रहे थे तो इससे साफ जाहिर होता है कि इनका टारगेट स्टिक से तुम सवाल थे। दूसरा कोई नहीं था। अब इससे पहले की पुलिस और मामले की जांच करती। किसी
केमिस्ट के पास। किसको क्या पकड़ती अगर?
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