'हम तुमसे झूठ बोलते है तो क्या बोलते है हम अच्छे है बस इतना ही तो बोलते है, लगे है ताले तुम्हारी जुबां में भी आजकल सुना वो तुम्हारा हाल जरा कम पूछते है, खटकते रहते थे तुम्हारे इशारों में जो अब तो तुमसे बस काम से बोलते है, बीच मजधार में हाथ छोड़ने का सबब याद आया की कैसे अकेला छोड़ देते है,
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