कुत्तों मे एक बात बहुत ही कमाल की होती है कि कुत्तों के समाज मे बड़ों द्वारा छोटो को सताया जाना एक प्रथा है, हर बड़ा ओहदे वाला कुत्ता छोटे ओहदे वाले कुत्ते को डराता है, खाना छीनता है तथा अवसर पड़ने पर मारता पीटता भी है..... चलो वहां तो कुछ किया नहीं जा सकता क्योंकि वहां ये नियम कुदरत ने बना रखे हैं तो वहां तो ऐसा होगा ही,किसी कुत्ते को अलग पाला जाए,भरपूर प्यार दिया जाए तो भी वो अपना कुत्तापना नही भूलता क्योंकि ये बात कुत्तों के DNA मे होती है पर ragging करके मनुष्य क्यों ये जताने पर तुला रहता है कि वो किसी जन्म मे कुत्ता था क्योंकि ragging करना ही वो बात है यानि बड़ों द्वारा छोटो को तरह तरह से सताया जाना पर मानवों मे ये कतई भी माता प्रकृति द्वारा बनाया गया नियम नहीं है तो हममें से कुछ लोग क्यों अपने से छोटो को सताते हैं? दरअसल सताना तो बहाना है अपने मन की भड़ास निकालने का ,दिवाली आते ही पागलों की तरह पटाखे जलाकर environment को सता कर भड़ास निकालते हैं जिस वजह से दिवाली 'दीयों के त्योहार' से 'धुएं का त्योहार' बन गयी है,होली को 'खुशी के त्योहार' से खुदखुशी का त्योहार बना दिया क्योंकि पानी की इतनी बर्बादी करते हैं और मन मे हल्का सा भी दर्द नही होता, जो बस चले तो एक भी त्योहार को ये लोग environment friendly ना छोड़े..... कुत्तों के समाज मे कोई नही कहता कि ragging is not allowed आपने किसी कुत्ते को दूसरे कुत्ते से ये कहते नही देखा होगा पर हमें ये प्रसंग संदेश देता है कि इंसान होने का मजा इंसान बनने मे है ,कुत्ता बनने मे नहीं, आनंद दूसरों को प्यार देने मे है दूसरों को सताने मे नही और प्यार देना है उस कुदरती system को भी जो हमें इस वक्त भी पाल रहा है क्योंकि इन दिनों ये भी प्यार का भूखा हो चला है।
Translation by google translate:
One thing is very great in dogs that it is a practice to torture the victim by the elderly in the society of dogs common is, a dog with every big object scares a small dog, snatches food, and kills after the opportunity. Let's not do anything there ... because there are laws made by nature, then it will be so, a dog should be kept apart, even if it is given a lot of love, even if it is not your dog I forget because this is happening in the dogs' DNA but by ragging, why do humans keep telling us that they were dogs in any age because it is a matter of ragging, that is, the elderly people are persecuted in different ways but in humans There is no rule made by Mother Nature, so why do some of us persecute our little ones? In fact, it is an excuse to take away the illusion of our minds, when Diwali comes, burning firecrackers like crazy people, hurting the environment, due to which Diwali has become a 'festival of smoke' due to the festival of light, Holi is delighted Festival of 'self-happiness', because water is so wasteful and there is no slight pain in mind, these people do not want to leave any festival environment friendly due to their craziness if they could do that.... In the society of dogs No one says that ragging is not allowed You have not seen any dog saying this to another dog but this message gives us the message that the fun of being a human is to be a human being, not to be a dog, happiness is to give love to others Do not abuse others and give love to that natural system which is also keeping us in the present because these days it has become a hunger for love too.
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