A song I like so much

in writing •  7 years ago 

ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा
बिन तेरे ज़िन्दगी अधूरी है
आ के तो देख मेरी हालत को
बिन तेरे हर खुशी अधूरी है
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…

बन के हमदर्द मेरा हमसाया
तू मेरी ज़िन्दगी में आया था
प्यार अपनों से भी ज़्यादा किया मुझे तूने
लोग कहते हैं तू पराया था
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…

मेरे दिल से यही दुआ निकले
तू जहाँ भी रहे खुशहाल रहे
भूल के भी ना भूला पाऊँ मैं तुझे हमदम
हर घड़ी बस तेरा ख्याल रहे
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…

याद आते हैं जब करम तेरे
मेरी आँखों से अश्क बहते हैं
तेरे अहसानों का बदला मैं चुकाऊँ कैसे
बहते आँसू ये मुझसे कहते हैं
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा..

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